प्रिंट मीडिया की खासियत उसकी विश्वसनीयता है – प्रफुल्ल केतकर
मथुरा। प्रिंट मीडिया की खासियत उसकी विश्वसनीयता है। इसमें जो समाचार प्रकाशित हो रहा है वह सही है, ऐसी भारतीयों की सोच है।
उक्त विचार ऑर्गेनाइजर अंग्रेजी साप्ताहिक समाचार पत्र के संपादक प्रफुल्ल केतकर द्वारा अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की गुरुवार को देर सायं आयोजित दो दिवसीय वर्चुअल राष्ट्रीय मीडिया कार्यशाला के शुभारंभ पर प्रथम सत्र में ‘प्रिंट मीडिया और शिक्षक संगठन’ विषय पर व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि शिक्षक संगठन होने के नाते शिक्षकों की सफलता की कहानी संगठन के विभिन्न स्तरों से मीडिया में जाएं तो एक अच्छा समाचार बन सकता है।
द्वितीय सत्र में ‘इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का प्रभावी उपयोग’ विषय पर माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने बताया कि टेलीविजन मीडिया का प्रभाव व्यापक है। घर में रहकर देश व समाज में क्या हो रहा है इसकी जानकारी इस माध्यम से तत्काल प्राप्त होती है। महासंघ से संबद्ध कार्यकर्ताओं को विभिन्न मुद्दों को राष्ट्रीय परिपेक्ष में रखने की आवश्यकता है। टीवी पर अपनी बात को तथ्यों के साथ कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक बात को मजबूती से रखना चाहिए।
राष्ट्रीय महामंत्री शिवानंद सिंदनकेरा ने कहा कि शिक्षकों द्वारा संगठन के कार्यों को जन-जन तक मीडिया के माध्यम से ले जाया जा सकता हैं। शिक्षा ही सामाजिक परिवर्तन का वाहक है। राष्ट्रीय मीडिया प्रकोष्ठ प्रमुख विजय कुमार सिंह ने प्रस्तावना रखी।
कार्यशाला का शुभारंभ सरस्वती वंदना से एवं समापन कल्याण मंत्र के साथ हुआ। संचालन मीडिया टोली सदस्य प्रो. सुभाष एवं राष्ट्रीय सह-मीडिया प्रमुख बसंत जिंदल ने किया।
कार्यशाला में राष्ट्रीय अध्यक्ष जे०पी० सिंघल, संगठन मंत्री महेंद्र कपूर, दर्शन भारती, उ० प्र० मीडिया प्रकोष्ठ प्रभारी राजदेव तिवारी, सह प्रभारी दिनेश त्रिवेदी, सदस्य एवं जिलाध्यक्ष मथुरा मुकेश शर्मा, आशीष मणि, पवन शंकर दीक्षित, ब्रजेश श्रीवास्तव, महेंद्र कुमार एवं देवकृष्ण व्यास सहित 220 कार्यकर्ताओं ने प्रतिभाग किया।