–लता के प्रेमी रहे राज सिंह के सगे चचेरे भाई हैं मथुरा के पूर्व सांसद कुंवर मानवेंद्र सिंह और कुंवर नरेंद्र सिंह। -दोनों से लता जी बेहद लगाव रखती थीं
–मथुरा में ऑडिटोरियम न होने की वजह से लता जी कार्यक्रम प्रस्तुत करने मथुरा ना सकीं थीं
(Chanda pratap Singh sikarwar, mtr)
यह बात सही नहीं है कि घर की जिम्मेदारियों की वजह से लता मंगेशकर जी ने शादी नहीं की थी। हकीकत में शादी न होने की वजह उनके प्रेमी राज सिंहथे। वह डूंगरपुर राजस्थान की रियासत के राजकुमार थे। वह क्रिकेटर और BCCI के पूर्व अध्यक्ष भी रहे।
स्व राज सिंह डूंगरपूर (राजस्थान) के महाराजा लक्ष्मण सिंह के सुपुत्र थे। राज सिंह और मथुरा के सांसद रहे कु. मानवेंद्र सिंह व कु नरेंद्र सिंह सगे चचेरे भाई हैं।
लता जी जानती थीं कि उनके प्रेमी का एक घर मथुरा में भी है
लता जी को राज सिंह ने यह बता रखा था कि मेरा परिवार डूंगरपुर के अलावा मथुरा में भी रहता है। इस नाते लता जी ने कई बार मथुरा आने का प्रोग्राम बनाया लेकिन आ नहीं पाई। मथुरा में यदि ऑडिटोरियम होता तो वह अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए मथुरा आतीं। यह बात स्वयं कुं. नरेंद्र सिंह ने मुझे बताई। राज सिंह और लता जी के संबंध किस कदर गहरे थे, वे कई बातें कुंवर नरेंद्र सिंह ने मुझे बतायीं। मानवेंद्र सिंह और कु नरेंद्र सिंह से लता मंगेशकर की बातचीत भी हुई थीं। राज सिंह भी कुंवर मानवेंद्र सिंह के बेटे ऋषि राज की शादी में आए। राज सिंह ने लता जी को मथुरा दर्शन करने के लिए साथ चलने को कहा था लेकिन प्रोग्राम नहीं बन पाया। वर्ष 2003 में कु. मानवेंद्र सिंह का मुंबई के जसलोक अस्पताल में जब ऑपरेशन हुआ था तब लता जी ने उनका हाल-चाल लेती थीं।
राज और लता की दोस्ती कैसे हुई
डूंगरपुर के राजकुमार राज सिंह और लता की दोस्ती उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर की वजह से हुई थी। लता के भाई हृदयनाथ और राज सिंह मित्र थे। जवानी के दिनों में राज सिंह मुंबई में रहा करते थे और क्रिकेट खेलते थे। राज का लता के घर आना जाना था। लता जी की बचपन से ही क्रिकेट में दिलचस्पी थी। वह राज राज सिंह के मैच को देखने के लिए स्टेडियम भी जाया करती थीं।
लता और राज ने दुबई में गुपचुप शादी कर ली थी
कु. नरेंद्र सिंह ने बताया कि दोनों पहले मित्र बने। इसके बाद दोनों प्रेमी बन गए। मित्रता जब प्यार में बदल गई तो दुबई में दोनों ने गुपचुप शादी कर ली थी। लताजी अपने प्रेमी राज सिंह के लिए मांग में सिंदूर भी भरने लगी थीं। इंडिया टुडे में यह रिपोर्ट प्रकाशित भी हुई थी।
उदयपुर की झील में पूरे दिन नाव में प्रेमी के लिए गीत गुनगुनाए थे
राज अपने साथ लता के गानों का एक कैसेट जेब में लेकर चलते थे। डूंगरपुर राजघराने की सीमा उदयपुर से 80 किलोमीटर दूर है। राज सिंह लता जी को लेकर कई बार डूंगरपुर और उदयपुर आए। राज और लता ने उदयपुर की महल के पीछे झील में नाव पर पूरे दिन सवारी की थी। नाव में राज सिंह को अपने गीत सुनाए थे।
लता और राज ने आजीवन शादी न करने की कसम खाई थी
मथुरा के राज परिवार से ताल्लुक रखने वाले और राज सिंह के चचेरे भाई कुंवर नरेंद्र सिंह बताते हैं कि राज ने अपने पिता राजा लक्ष्मण सिंह से लता संग शादी करने की इच्छा जताई। राजा ने यह कहते हुए साफ इनकार कर दिया कि हम एक आम लड़की को राजघराने की बहू नहीं बना सकते। राज अपने पिता की बहुत इज्जत करते थे इसलिए उन्होंने उनकी बात मान ली। दोनों ने भले ही कभी शादी नहीं की लेकिन दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रहते थे।