फूट-फूट कर रोए एसके शर्मा, सुनाया दुखड़ा, छोड़ी भाजपा

ब्रेकिंग न्यूज़

मथुरा। मांट विधानसभा सीट से टिकट न मिलने से नाराज भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य और केमिकल एंड फर्टिलाइजर मंत्रालय के डायरेक्टर एसके शर्मा ने अपने समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। फूट फूटकर रोते हुए उन्होंने कहा कि मेरे साथ अन्याय-अत्याचार हुआ। मैं पार्टी के आदेश पर ही माट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था, लेकिन मेरे साथ धोखा-विश्वासघात किया गया।

मंगलवार को गोविंदनगर स्थित कार्यालय पर पत्रकार वार्ता में एसके शर्मा ने कहा कि 1980 में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े। काफी समय तक शाखा में भाग लिया। उसके बाद जब 1989 में वह बंगाल चले गए। हमारा भाई और हमारा परिवार भाजपा से जुड़ा रहा। उसने भाजपा प्रत्याशियों को चुनाव लड़ाने में मदद की। 2003 में जब हमारा भाई एक्सपायर हुआ तो उसके नाम से काॅलेज बनाए। उसके बाद 2007 से भाजपा में फिर से सक्रिय हो गए। हम भाजपा के एक रुपये का भी लाभ नहीं लिया। तब से पार्टी के आदेश का ईमानदारी और निष्ठा से पालन किया, बदले में पार्टी से कुछ मांगा नहीं। यही नहीं मैंने पार्टी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। अपना बिजनेस पार्टी के चक्कर में बर्बाद कर दिया, परिवार छोड़ रखा है। मैंने जनपद में एक लाख से अधिक लोगों की सेवा की और पार्टी संगठन के लिए काम किया। मैंने कभी पार्टी से डीजल, गाड़ी या पैसा नहीं लिया। लेकिन इतने त्याग तपस्या के बाद भी मेरे साथ बार बार धोखा और वादा खिलाफी हुई। अगर मैं कुछ मांग रहा होता तो न मिलने पर कोई बात नहीं थी। 2009 में जब मैंने तैयारी की तो रालोद से पार्टी का गठबंधन हो गया, तब मैंने अपनी जेब से पैसा लगाकर जयंत को जिताया। फिर मुझसे कहा गया कि 2012 की तैयारी करो, लेकिन मेरे साथ धोखा हो गया। 2014 की तैयारी की तो फिर मेरे साथ वही हुआ। 2017 में भी वही हुआ। लेकिन 2014 में पार्टी की ओर से आश्वासन दिया गया था कि केंद्र में सरकार बनेगी तो आपको किसी आयोग का अध्यक्ष बनाया जाएगा। नहीं बनाया, लेकिन मैंने कोई शिकायत नहीं की। 2017 में जब मुझे मांट भेजा गया तो मैंने मना किया था कि चुनाव लड़ाना है तो मथुरा लड़ाओ, मांट में मेरी कोई तैयारी नहीं थी। लेकिन पार्टी का आदेश मानकर मांट से चुनाव लड़ा। यह आश्वासन दिया गया कि जीते तो विधायक और हारे तो एमएलसी बनोगे। मैंने पूरा काम किया और दस दिन में 60 हजार से ज्यादा वोट लाया।
पार्टी का तो यह है कि आश्वासन देते जाओ और काम कराते जाओ।
उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं। उसके बाद में जनता, कार्यकर्ता और शुभचिंतकों से राय मशविरा करूंगा, उनके आदेश का मैं पालन करूंगा।

Spread the love