नीट में एआईआर 293 और जेईई मेन में 99.5 परसेंटाइल लाकर प्रतिभा का परिचय कराया
मथुरा। कहते हैं कि पूत के पांव पालने में ही नजर आ जाते हैं। प्रियांश सिंह के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। प्रियांश सिंह ने चिकित्सा सेवा की पात्रता परीक्षा नीट यूजी-2021 में एआईआर-293 लाकर इतिहास ही रच दिया। साथ ही इंजीनियरिंग सेवा की पात्रता परीक्षा जेईई मैन में भी ये बच्चा अव्वल आया है। इस परीक्षा में 99. 5 परसेंटाइल लाकर रिकॉर्ड बना दिया है।
हथकौली निवासी श्रीमती राजरानी पत्नी पुष्पेन्द्र सिंह के इस लाड़ले ने एक साथ चिकित्सा और इजीनिरिंग की दोनों परीक्षाओं में अब्बल स्थान लाकर अपनी असाधारण प्रतिभा से परिचय कराया है। प्रियांश सिंह ने अपनी तैयारी ज्यादातर घर पर ही की। कोविड-19 के कारण ऑनलाइन पढाई की। पहली बार दोनों चिकित्सा व इंजीनियरिंग की सबसे बड़ी परीक्षाएं दीं। प्रियांश ने इन दो महत्वपूर्ण प्रयोगात्मक परीक्षाओं के अलावा एनटीएसई प्रथम व द्वितीय भी क्वालीफाई किया है। इसके अलावा केवीपीवाई में भी 11 व 12 वीं रैंक आयी है।
इस दौरान उसे अपनी मां श्रीमती राजरानी और पिता पुष्पेंद्र व अन्य परिजनों व अपने गुरुओं का प्रोत्साहन मिला। सभी ने इसका उत्साह बढ़ाया। परिणामस्वरूप प्रियांश सिंह ने अच्छी पढ़ाई की और अपनी मेहनत के बल पर रिकॉर्ड बना दिया।
चिकित्सा पात्रता परीक्षा नीट यूजी का रिजल्ट पहले आया। इसमें एआईआर 332 लाया। इस परीक्षा में बेहतर पोजीशन लाने पर बधाइयों का तांता लग ही रहा था कि तब तक इंजीनियरिंग पात्रता परीक्षा का परिणाम आ गया। जेईई मेन की परीक्षा में इस बार देश भर के 16 लाख बच्चे शामिल हुए। इनमें 100 में से 99.05 पर्सेटाइल लाकर प्रियांश ने इस परीक्षा में भी रिकॉर्ड बना दिया।
इस बालक ने अपने माता पिता, परिवार व रिश्तेदारों का नाम रोशन किया। प्रियांश के पिता पुष्पेन्द्र सिंह एयर फोर्स में अधिकारी हैं। मां राजरानी ग्रहणी हैं। इसके अध्ययन में सबसे बड़ा योगदान राजरानी का ही रहा। ये मेधावी बालक हथकौली बलदेव निवासी राम प्रताप सिंह रिटायर्ड एडीओ, पत्रकार चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार, भानु प्रताप सिह, डा अरुण प्रताप सिकरवार का भांजा है