हुनर हाट में हो रहा आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार
मथुरा। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हुनर हाट/ब्रज रजोत्सव का फीता काटकर शुभारंभ किया। उन्होंने हुनर हाट द्वारा लगाये गये विभिन्न स्टाॅलों का अवलोकन किया तथा चोखा बाटी का स्वाद लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीबांके बिहारी की नगरी वृंदावन में कुंभ स्थल पर आयोजित हो रहे ब्रज रज उत्सव का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि ब्रजक्षेत्र का एक-एक रज बहुत ही पावन एवं पवित्र है। श्रीबांके बिहारी जी, यमुना मैया एवं पूज्य संतो ंके सानिध्य में ब्रज बहुत ही पवित्र स्थल है। उन्होंने वृन्दावन में आयोजित कुम्भ पूर्व वैष्णव बैठक-2021 के सफल आयोजन के लिए संतांे का धन्यवाद ज्ञापन किया तथा सांसद, मंत्री, उप्र ब्रजतीर्थ विकास परिषद एवं जिला प्रशासन की प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी जैसी बीमारी को हराने में श्रीबांके बिहारी जी, राधारानी, यमुना मैया तथा संतो ंके आर्शीवाद से परास्त करने में सफलता हासिल हुई। केंद्र व प्रदेश सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। ब्रज रज के इस उत्सव के साथ देश के हुनर को एक मंच दिया गया है। ब्रज रजोत्सव स्वयं में भारत सरकार तथा राज्य सरकार की महत्वाकांक्षा का प्रमाण है। उन्होंने सांसद हेमा मालिनी के कार्यों एवं उनके प्रयासों की सराहना की तथा कहा कि वह स्वयं कला की मूर्ति है और वह स्वयं कलाकारों के प्रोत्साहन के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं। उन्होंने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एवं पशुपालन मंत्री तथा ब्रजतीर्थ विकास परिषद के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ब्रज के उत्थान में सभी ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि ब्रजतीर्थ विकास परिषद का गठन ब्रज का विकास करने एवं उसके पौराणिक स्वरूप को लाने के लिए किया गया है। ब्रजतीर्थ विकास परिषद द्वारा विभिन्न माध्यमों से ब्रज का नाम देश व विदेश में प्रसिद्ध करने का प्रयास किया गया है।
योगी आदित्यनाथ ने उपस्थित भजन मण्डली की तारीफ करते हुए कहा कि भजन मण्डली के सुरीले भजनों से उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति, बुजुर्ग, महिला, संत एवं बच्चे थिरकते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भजन से पूरा पण्डाल मुग्ध मगन हो रहा है और ब्रज की यह संस्कृति देश व विदेश में पूर्ण रूप से विकसित होनी चाहिए। उन्होंने ब्रज की धरती को नमन करते हुए कहा कि सभी के आपसी समन्वय कर काम करने पर परिणाम सामने आता है। ब्रज की धरती को रसखान के मुख से भी सुना। आप सभी सौभाग्यशाली हैं कि ब्रज में जन्म लेने व सेवा करने का सौभाग्य आप सभी ब्रजवासियों को मिला है। उन्होंने कहा कि ब्रज का इतिहास दुनिया का प्राचीनतम इतिहास है। उन्होंने कहा कि प्रतिभा किसी जाति, धर्म एवं अन्य किसी चीज की मोहताज नहीं होती है। उन्होंने कहा कि कुम्भ पूर्व वैष्णव क्षेत्र को संरक्षित रखा जाये और जिला प्रशासन को निर्देश दिये हैं कि इस क्षेत्र को भविष्य के लिए ऐसे आयोजन के लिये सुरक्षित रखा जाये।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि वे देश के नागरिकों के साथ विकट परिस्थितियों में खड़े रहे तथा कोविड-19 महामारी को परास्त करने में अपना मार्गदर्शन दिया। प्रधानमंत्री ने देश वासियों के जीवन एवं जीविका को बचाने के प्रयास किये। उन्होंने प्रधानमंत्री अन्न योजना की घोषणा की, जिन महिलाओं के जनधन खाते खुले हुए थे, उनके खातों में एक निश्चित धनराशि, विधवा पेंशन, किसान सम्मान निधि में धनराशि भेजने की व्यवस्था की गयी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया था। ब्रज रज उत्सव में हुनर हाट में इसका प्रमाण देखने को मिलता है। ब्रज रज उत्सव में हुनर हाट को जोड़ा गया है। कलाकार पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी कलाओं से हमें पौराणिक इतिहास से जोड़ते हैं और यह कला किसी न किसी प्रकार से भगवान श्रीकृष्ण के समय से जुड़ी हुई प्रतीत होती है।
मुख्यमंत्री ने अवगत कराया कि यह ब्रज रजोत्सव कार्यक्रम 19 नवम्बर तक चलेगा, जिसमें विभिन्न बाॅलीवुड कलाकार भी भाग लेंगे, अनेक प्रदेशों से आये फूड स्टाॅलों पर स्वादिष्ट व्यंजन मिलेगा, हस्तशिल्पियों की स्टाॅल तथा मनोरंजन के लिए झूलों की व्यवस्था है। ब्रजतीर्थ विकास परिषद द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को दिखाने के लिए लेजर शो का भी कार्यक्रम रखा गया है। उन्होंने कहा कि उप्र सरकार द्वारा बरसाना, नन्दगांव, राधाकुण्ड, बल्देव, वृन्दावन, गोवर्धन, गोकुल को पहले ही तीर्थ स्थल घोषित कर दिया गया था। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद की तरफ से सवा चार सौ करोड़ रुपये की योजनाएं ब्रज के विकास के लिए भेजी गई थी, जो धरातल पर दिखाई दे रही हैं। गोवर्धव एवं वृन्दावन की परिक्रमा मार्गों का विकास, पौराणिक कुण्डों का जीर्णोद्वार व सौन्द्रीयकरण, वृन्दावन में पर्यटक सुविधा केन्द्र, गीता शोध संस्थान आडिटोरियम, मथुरा में जुबली पार्क आडिटोरियम, मुक्ताकाशी मंच का पुनः निर्माण, गोकुल में घाटों का जीर्णोद्वार, रसखान की समाधी का सौन्द्रीयकरण सहित अनेक विकास कार्य किये हैं। बरसाना का रंगोत्सव कार्यक्रम हर साल मुझे मथुरा आने का अवसर देता है। मुझे इस बार श्रीकृष्णोत्सव में आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। हमें अपनी विरासत पर गौरवान्वित होना चाहिए। उन्होंने अल्प संख्यक कार्य मंत्रालय के केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का हुनर हाट मथुरा को देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
वृंदावन में भक्ति की पराकाष्ठा है जिसकी पवित्रता बनाये रखना सभी का दायित्व है और हुनर किसी जाति-पंथ का मोहताज नहीं है। उ0प्र0 सरकार ब्रज के विकास के लिए निरतंर प्रयासरत रहेगी और किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जायेगी। उन्होंने कुम्भ पूर्व वैष्णब बैठक वृन्दावन स्मारिका का विमोचन किया, जिसके बाद आजादी के अमृत महोत्सव एवं विश्वकर्मा वाटिका का अवलोकन किया।
कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री अल्प संख्यक कार्य मंत्रालय मुख्तार अब्बास नकवी, मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, सांसद हेमा मालिनी, विधायक बल्देव पूरन प्रकाश, विधायक गोवर्धन ठा. कारिन्दा सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष किशन सिंह, महापौर डाॅ. मुकेश आर्यबन्धु, काॅपरेटिव बैंक के अध्यक्ष चौ तेजवीर सिंह, रविकान्त गर्ग, उपाध्यक्ष शैलजाकान्त मिश्र, जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डाॅ. गौरव ग्रोवर, उपाध्यक्ष एमवीडीए नगेन्द्र प्रताप, जिला अध्यक्ष मधु शर्मा, महानगर अध्यक्ष विनोद अग्रवाल, आदि मौजूद थे।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर योगी ने किया विधिवत पूजन अर्चन
मथुरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मन्दिर पहुॅचकर गर्भग्रह एवं मन्दिर के दर्शन कर विधि विधान से पूजा अर्चना की। तत्पश्चात उन्होंने कहा कि मथुरा में वैष्णव कुम्भ पहलीबार प्रारम्भ किया गया था, जो सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। आज से ब्रज रजोत्सव का शुभारम्भ किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए ब्रज रजोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि देश दुनिया में ब्रजभूमि का पौराणिक एवं एतिहासिक महत्व है। उ0प्र0 ब्रजतीर्थ विकास परिषद यहां के भौतिक एवं सांस्कृतिक स्वरूप को बनाये रखने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि ब्रज रजोत्सव/हुनर हाट में देश के विभिन्न स्थानों के कलाकार भाग ले रहे हैं और अपनी कलाओं का प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे विभिन्न कलाकारों की कलाओं का एवं उनकी संस्कृति का भी ज्ञान प्राप्त होगा।