नाबालिग की बलात्कार के बाद हत्या करने वाले को सजा-ऐ-मौत

हाथरस

50 हजार के अर्थात से भी किया दंडित
हाथरस। नाबालिग साथ बलात्कार के बाद हत्या के दोषी को पोस्को न्यायालय प्रथम ने सजा-ऐ-मौत का आदेश दिया है। अपर शासकीय अधिवक्ता राजपाल सिंह दिशवार दलीलों और प्रस्तुत सबूतों के आधार पर न्यायालय ने इसे जघन्य कांड मानते हुए फांसी व 50 हजार से दंडित किया है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक 16 अप्रैल 2019 को मृतका के पिता ने अभियुक्त मोनू ठाकुर पुत्र अनिल निवासी रमिया नगला थाना सिकंदराराऊ पर आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि आरोपी ने उसकी 13 वर्षीय पुत्री के साथ बलात्कार कर मिट्टी का तेल डाल कर आग लगा दी। पीड़िता ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस ने विवेचना के बाद न्यायालय में आरोप-पत्र दाखिल किया। मृतक के अंतिम बयान व अपर जिला शासकीय अधिवक्ता राजपाल सिंह दिशवार की पैरवी में प्रस्तुत अन्य सबूत और गवाहान के आधार पर विशेष पोक्सो न्यायाधीश प्रतिभा सक्सेना ने मामले अति गंभीर मानते
हुए सजा-ए-मौत वह 50 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है। मृतका को मात्र दो साल में न्याय मिलने से पीड़ित परिवार में राहत की सांस लेते हुए खुशी जताई है।

निर्णय के दौरान पीड़िता की वेदना पर न्यायालय का मत
13 वर्ष की उस मासूम बालिका ने जीवन के विभिन्न रंग और संसार को ठीक से देखा भी ना था और अपना प्राकृतिक जीवन भी ठीक से आरंभ भी नहीं कर पाई थी। बलात्कार से लेकर उसके जलाने तक उसके अंतिम सांस तक के मध्य की अवधि में जो मानसिक और शारीरिक वेदना सहन की होगी। उसका मात्र अनुमान करने पर ही किसी भी सामान्य व्यक्ति की अंत: चेतना कंपित हो जायेगी। अत: अभियुक्त मोनू ठाकुर द्वारा कारित अपराध “विरल से विरलतम” श्रेणी में आता है।

Spread the love