क्षय रोगियों की खोज में ग्राम प्रधान करेंगे मदद, किया जा रहा प्रशिक्षित

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-ग्राम प्रधानों को बताये जा रहे क्षय रोग के लक्षण, संभावित रोगियों की कर सकेंगे पहचानबलदेव और चौमुहां ब्लाक के ग्राम प्रधानों का प्रशिक्षण पूर्ण, अन्य का प्रशिक्षण जारी

मथुरा। वर्ष 2025 तक देश से क्षय रोग उन्मूलन के प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिए अब ग्राम प्रधानों की भी इसमें मदद ली जाएगी | जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. संजीव यादव ने बताया कि जनपद के विभिन्न विकास खण्डों (ब्लाक) पर 15 से 30 सितम्बर तक ग्राम प्रधानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ग्राम प्रधानों को टीबी के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है। अभी तक बल्देव और चौमुहॉ ब्लाक के प्रधानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है । ग्राम प्रधानों को प्रशिक्षण शिव कुमार, आलोक तिवारी, नवल किशोर , अखिलेश दीक्षित, अनूप सिंह, साजिद बेग, श्याम सुन्दर, रविन्द्र कुमार शर्मा, राहल सोनी आदि के द्वारा दिया जा रहा है ।

जिला पीपीएम समन्वयक आलोक तिवारी ने बताया कि अब प्रधानों की जिम्मेदारी है कि वह अपने क्षेत्र में जागरूकता फैलाएं। पंचायत,सामुदायिक बैठकों में टीबी के बारे में संदेश दें। टीबी के लक्षणों के बारे में जनता को बतायें। टीबी रोगियों का सहयोग करें। ग्राम प्रधान आम जनमानस को समझा सकते हैं कि टीबी रोगी के प्रति संवेदनशील बनें और टीबी रोग से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने में योगदान दें । एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान के दौरान टीबी रोगियों की खोज में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का सहयोग करें।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रचना गुप्ता ने बताया कि क्षेत्र में कार्यरत क्षय रोग के सुपरवाइजर को निर्देशित किया गया है कि वह अपने क्षेत्र में निर्वाचित नवीन ग्राम प्रधानों से मुलाकात कर उन्हें क्षय रोग के लक्षणों और उनके उपचार समेत अन्य सुविधाओं के विषय में जागरूक करेंगे। प्रशिक्षित ग्राम प्रधान अपने गांव को टी बी से मुक्त कराने में हमें सहयोग करेंगे।

दस दिवसीय अभियान में खोजे गये टीबी के 38 नये मरीज :

मथुरा।
जनपद में 07 से 16 सितम्बर तक विशेष अभियान चलाकर टीबी रोगियों की खोज की गयी।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि उक्त अभियान में क्षय रोग के 132 संभावित लोग मिले। उनके बलगम की जॉच की गई। इसमें 38 नये मरीज चिन्हित किये गये हैं। घर-घर अभियान में जनमानस को क्षय रोग के विषय में भी जागरूक किया गया।
क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम जिला पीपीएम समन्वयक आलोक तिवारी ने बताया कि इन नये रोगियों का इलाज तत्काल प्रभाव से शुरु कर दिया गया है। साथ ही साथ उनके डाट्स प्रोवाइडर भी नियुक्त कर दिए गए हैं, जो उन्हें दवा खिलाने का काम करेगे। हर महीने 500 रुपए पोषण भत्ता देने की कार्यवाही पूरी की जा रही है। जिन टीमों ने क्षय रोगियों को खोजा है, उन्हें प्रोत्साहन के रुप में 500 रुपए प्रत्येक केस हेतु देय होगा।


टीबी के ये हैं प्रमुख लक्षण :
मथुरा। टीबी के छह प्रमुख लक्षण होते हैं। इनमें सप्ताह या उससे अधिक समय से खांसी आना। खांसी के साथ बलगम व बलगम के साथ खून आना। वजन का घटना। बुखार व सीने में दर्द, शाम के समय हल्का बुखार होना। रात में बेवजह पसीना आना । भूख कम लगने जैसी समस्या है तो अवश्य ही अपनी जांच करा लें। जांच के उपरान्त समय पर इलाज हो जाने से टीबी ठीक हो जाती है।

क्षय रोग विभाग द्वारा दी जा रहीं सुविधाएं

  1. निःशुल्क जांच और उपचार
  2. अत्याधुनिक जांचों द्वारा एमडीआर टी बी का पता लगाना
  3. उपचार के दौरान मरीज को निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत हर माह 500 रूपये का भुगतान
  4. मरीजों की सूचना देने वाले को 500 रूपये दिए जाते हैं
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