विद्युत अभियंता संघ के क्षेत्रीय सम्मेलन में गरजे संगठन के नेता, समस्याओं का नहीं हो रहा निस्तारण
धरातल पर कार्य करने में आ रहीं कठिनाईयों के बारे में कराया अवगत
ऊर्जा मंत्री ने इंजीनियरों के कार्यों की प्रशंसा की, उत्पीड़न न होने का दिया आश्वासन
मथुरा। विद्युत अभियन्ता संघ के मथुरा में शनिवार को सम्पन्न क्षेत्रीय सम्मेलन में बेहतर उपभोक्ता सेवा देने, राजस्व वसूली बढ़ाने, लाइन लॉस कम करके आत्मनिर्भर ऊर्जा निगम बनाने पर हुआ विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। साथ ही मैन, मेटीरियल एवं मनी की कमी से जूझ रहे विद्युत अभियन्ताओं ने कारपोरेशन में चल रही दमनात्मक एवं दण्डात्मक कार्यवाहियों पर आक्रोश व्यक्त किया। कार्य का स्वस्थ वातावरण न मिलने से वह अत्यन्त मानसिक कष्ट में हैं। सम्मेलन मेंं पहुंचे ऊर्जा मंत्री ने आश्वासन दिया कि किसी का भी उत्पीड़न नहंी होगा। उपभोक्ताओं को अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
शनिवार को स्थानीय एक होटल में आयोजित सम्मेलन में धरातल पर अभियन्ताओं को कार्य करने में आ रही व्यवहारिक कठिनाईयों से रूबरू होकर प्रबन्धन से उनके सार्थक निराकरण हेतु संवाद करने तथा संगठनात्मक गतिविधियों में गति लाते यह आयोजन किया गया।
अभियन्ताओं की तमाम ज्वलन्त समस्याओं के निराकरण न होने एवं प्रबन्धन द्वारा छोटी-छोटी बातों पर दण्डात्मक कार्यवाही करने जैसी बढ़ती नकारात्मक व उत्पीड़नात्मक कार्यप्रणाली से मिल रहे अत्यधिक मानसिक तनाव से अभियन्ताओं ने आक्रोश व्यक्त किया।
क्षेत्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने विगत पांच वर्षों ऊर्जा विभाग में हुए गुणात्मक सुधारों और उपलब्धियों के लिए अभियंताओं के प्रयासों की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए उपभोक्ताओं देवो भव के तहत उपभोक्ताओं की समस्यों के त्वरित निस्तारण के लिए आगे भी और प्रयास करने का आहवान किया। उत्पीड़न किसी का नहीं होगा इसका आश्वासन दिया।
क्षेत्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में विद्युत अभियन्ता संघ के अध्यक्ष वीपी सिंह एवं महासचिव प्रभात सिंह ने ऊर्जा निगमों एवं अभियन्ताओं के समक्ष उपस्थित चुनौतियों पर प्रकाश डाला। कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व व ऊर्जा मंत्री पंडित श्रीकांत शर्मा के मार्गदर्शन में राजस्व वसूली बढ़ाने एवं बेहतर उपभोक्ता सेवा प्रदान करते हुए ऊर्जा निगमों को आत्मनिर्भर बनाये जाने का संकल्प व्यक्त किया। प्रदेश की जनता को 24 घण्टे गुणवत्तापूर्ण अनवरत बिजली उपलब्ध कराये जाने के मुख्यमंत्री के हरदम बिजली सबको बिजली के संकल्प को पूरा किया जा सके।
उन्होंने अभियन्ता संवर्ग के सामने आ रही चुनौतियों एवं उनसे निपटने की रणनीति पर भी विस्तृत चर्चा की। उन्होंने आगे बताया कि ऊर्जा निगमों में पदोन्नति नियमों में बदलाव कर अभियन्ताओं को पदोन्नतियां से वंचित करने का कुचक्र चलाया जा रहा है। विगत दिनां पदोन्नति नियमों में रातो-रात परिवर्तन कर मुख्य अभियन्ता(स्तर-1) के 11 पदों पर पदोन्नतियां नहीं की गयी जिसके परिणाम स्वरूप लगभग 50 से अधिक पदों पर अभियन्ता पदोन्नति से वंचित हो गये हैं। अन्य रिक्त पदों पर भी पदोन्नतियां नहीं की जा रही हैं। यह चिन्ताजनक एवं खतरनाक है तथा सेवा शर्तों को कमतर किये जाने की कोशिश है। वी0सी0 के नाम पर अभियन्ताओं को अनावश्यक तनाव देकर धमकाया जा रहा है। ऊर्जा निगमों को गैर-तकनीकी प्रबन्धन द्वारा एकतरफा, मनमाने ढंग से चलाये जाने से ऊर्जा सेक्टर तकनीकी तौर पर कमजोर होता जा रहा है जो चिन्ताजनक है।
सम्मेलन के द्वितीय सत्र में आल इंडिया पावर इंजीनियर फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे द्वारा सभा को संबोधित करते हुए बताया गया कि बिजली वितरण के 33 केवी नेटवर्क को राज्य ट्रांसमिशन यूटिलिटी में शामिल करने और इसे पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ संयुक्त उपक्रम बनाने के केंद्र सरकार के जो आदेश हुए हैं उससे अप्रत्यक्ष रूप से राज्यों की बिजली व्यवस्था पर केंद्र का नियंत्रण हो जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि 33 केवी नेटवर्क को ट्रांसमिशन यूटिलिटी में शामिल करने का प्रावधान न तो राष्ट्रीय विद्युत नीति और न ही विद्युत(संशोधन) विधेयक 2021 के मसौदे में है और न ही वर्तमान में प्रभावी विद्युत अधिनियम 2003 में ऐसा कोई प्रावधान है। साथ ऊर्जा निगमों में चेयरमैन और प्रबन्ध निदेशक के पदों पर आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन में निहित चयन प्रक्रिया के तहत ही तकनीकी कुशल विशेषज्ञ को चयन की मांग की। शाखा सचिव सचिन द्विवेदी ने प्रगति से अवगत कराया।
नहीं दिया जा रहा प्रोत्साहन
मथुरा। वरिष्ठ उपाध्यक्ष पल्लब मुखर्जी , संयुक्त सचिव ए एन सिंह ने कहा कि सभी इंजीनियर मेहनत से कार्य कर रहे हैं। दिन रात सेवाएं दी जा रहीं हैं। परन्तु विडम्बना यह है कि बिजली अभियन्ताओं द्वारा किये जा रहे अथक प्रयासों एवं उपलब्धियों का प्रबन्धन द्वारा कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जा रहा है।
संसाधनों का अभाव, इंजीनियर मानसिक कष्ट में
मथुरा। सम्मेलन में विभिन्न जिलों से आये अभियन्ताओं ने बताया कि क्षेत्रों में संसाधनों/सामग्री की भारी कमी है, कार्य का स्वस्थ वातावरण न होने एवं बजट में कटौती से बिजली उपकेन्द्रों के अनुरक्षण जैसे महत्वपूर्ण कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं एवं बेहतर उपभोक्ता सेवा देने में अत्यधिक व्यवहारिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद भी ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत समस्त अभियन्ता प्रदेश के उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति, बेहतर उपभोक्ता सेवा प्रदान करने, लाइन लॉस कम करने, राजस्व वसूली बढ़ाकर ऊर्जा निगमो को आत्मनिर्भर बनाने हेतु संकल्पबद्ध हैं परन्तु ऊर्जा निगम प्रबन्धन द्वारा लगभग सभी अभियन्ताओं को किसी न किसी बात पर जांच/आरोप पत्र देकर अत्यधिक मानसिक तनाव देने का अभियान सा चला रखा है जिससे क्षेत्र में तैनात अभियन्ता अत्यधिक मानसिक कष्ट में हैं।
प्रबंधन कर रहा अभियंताओं को प्रताड़ित
मथुरा। सम्मेलन में महासचिव प्रभात सिंह ने अपने समापन सम्बोधन में कहा कि ‘संवाद से समाधान’ के मंत्र का पालन करते हुए ऊर्जा निगम प्रबन्धन से वार्ता कर बिजली अभियन्ताओं एवं प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं की व्यवहारिक समस्याओं के सार्थक एवं त्वरित निराकरण के लगातार प्रयास किये जा रहे है परन्तु प्रबन्धन द्वारा अभियन्ताओं को प्रताड़ित ही किया जा रहा है जिससे सभी अभियन्ता अत्यन्त मानसिक तनाव में हैं परन्तु विचलित कतई नहीं हैं जिसका हरसम्भव प्रतिकार किया जायेगा।
रोकी जाएं कार्रवाई, करें हस्तक्षेप
मथुरा। विद्युत अभियन्ताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा से ऊर्जा निगमों में दमनात्मक, दण्डात्मक तथा पदोन्नतियां रोकने जैसी नकारात्मक कार्यप्रणाली समाप्त कर कार्य का स्वस्थ वातावरण प्रदान करने हेतु हस्तक्षेप करने की अपील की है।
यह रहे मौजूद
क्षेत्रीय सम्मेलन में इंजी. अंशुल अग्रवाल, इं. मनोज पाठक, इं. आर. एल. यादव, इं. सुबोध शर्मा, इं. हरीश बंसल, एसई अजय गर्ग, एसई एपी शुक्ला इं. एसआर. गर्ग,एक्सईएन राजीव कालरा, एक्सईएन सचिन कुमार शर्मा एक्सईएन फिरोजाबाद विश्वेन्द्र चौहान,एक्सईएन एके पांडेय फिरोजाबाद इं. पंकज अग्रवाल, इं. आर. के. सिंह आदि के अलावा अलग-अलग जनपदों से आए अधिकारी-इंजीनियर उपस्थित थे। संचालन शाखा सचिव सचिन द्विवेदी ने किया।