
-आगरा, अलीगढ़ मंडल समेत आसपास का एरिया का बने अलग प्रदेश
-ब्रज या ताज प्रदेश की मांग ने जोर पकड़ा, वेबीनार हुई और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा
मथुरा। आगरा और अलीगढ़ मंडल को लेकर नया ताज या ब्रज प्रदेश के गठन के लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया। ये जापन मथुरा के चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार पत्रकार महावीर सिंह परिहार अजय अग्रवाल सुभाष सैनी समेत कई लोगों ने जिलाधिकारी को दिया
राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन में कहा गया कि इस क्षेत्र के विकास के लिए अलग प्रदेश का गठन होना बहुत जरूरी है। अभी यह क्षेत्र विकास के मामले में बहुत पिछड़ा हुआ है। शिक्षा स्वास्थ्य और प्रति व्यक्ति दर के मामले में अंतिम पायदान की ओर है। इस क्षेत्र के लोग कर्मठ हैं, मेहनती है, यदि उन्हें अपने ढंग से काम करने का अवसर मिलेगा, जो नए प्रदेश में संभव है।
यह देश में अब्बल होगा यानी देश का ताज होगा। नया प्रदेश बनने पर ही इस क्षेत्र के लोगों को उनके हक की नौकरियां मिलेंगी, नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे, बेमतलब की 400 किलोमीटर की दौड़ खत्म होगी, जल्दी न्याय मिलेगा, अच्छा प्रशासन होगा, अपराधों पर नियंत्रण होगा। ज्ञापन में कहा गया कि ताज प्रदेश निर्माण समिति इसके लिए पिछले 4 साल से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रही है।
विचार गोष्ठी, हस्ताक्षर अभियान, शांतिपूर्ण धरना आदि अनेक कार्यक्रम किए गए हैं। समिति ताज प्रदेश के गठन होने तक आंदोलन करेगी। इस दौरान न तो सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाएगी और नहीं कानून व्यवस्था अपने हाथ में लेगी। कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करेंगे।
समिति ने आगरा में भी ज्ञापन दिया। जिसमें तमाम व्यापारी,जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों के समर्थन पत्र भी संलग्न किए हैं। ज्ञापन की प्रति प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भी भेजी गई है। आगरा में ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से समिति के संयोजक डॉ सुरेंद्र सिंह उपाध्यक्ष आलोक तोमर, जोगेंद्र सिंह चाहर कोषाध्यक्ष डॉक्टर योगेंद्र सिंह, सचिव दिनेश कुमार वर्मा’सारथी’ आदि थे।
आगरा और अलीगढ़ मंडल के जिलों में इसी तरह के ज्ञापन दिए गए। समिति जल्द ही बैठक कर आगे की रणनीति तैयार करेगी। आंदोलन को ठंडा नहीं होने देगी। जनता से निरंतर संपर्क का अभियान सतत रूप से जारी है।
इससे पूर्व ताज प्रदेश निर्माण समिति की ऑनलाइन वेबीनार में आगरा और अलीगढ़ मंडल को मिलाकर ताज आय ब्रज प्रदेश बनाए जाने की मुहिम को तेज करने का निर्णय लिया गया। सभी वक्ताओं का कहना था, जब तक छोटा स्टेट आगरा अलीगढ़ मंडल को मिलाकर नहीं बनेगा, तब तक क्षेत्र पीछे ही रहेगा।
किसी भी हालत में अलग प्रदेश बनना ही चाहिए। अपने देश में ही प्रस्तावित ताज या ब्रज प्रदेश से भी छोटे-छोटे राज्य हैं, फिर यह क्यों नहीं बन सकता ? उत्तर प्रदेश का पुनर्गठन राजनीतिक उद्देश्य नहीं, बल्कि रोजगार, विकास, कानून- व्यवस्था, न्याय- व्यवस्था, प्रशासनिक व्यवस्था आदि की दृष्टि से होना चाहिए। ताज प्रदेश बनने पर क्षेत्र के सारे नागरिकों को 100 किलोमीटर के दायरे में सारी सुविधाएं मिलेंगी। सरकारों का प्रशासनिक तंत्र पर होने वाला खर्चा कम होगा। भ्रष्टाचार पर नियंत्रण होगा। तेल की कीमतें कम होंगी। बैठक में सर्वसम्मति से तय किया गया कि इसके लिए सोमवार को आगरा में जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया जाएगा। इसी तरह के ज्ञापन आगरा और अलीगढ़ मंडल के हर जिले में वहां के पदाधिकारियों द्वारा दिए जाएंगे। इसके बाद जनप्रतिनिधियों के माध्यम से भी केंद्र और राज्य सरकार तक मांग पहुंचाई जाएगी। जब तक ताज प्रदेश नहीं बनेगा, चैन से नहीं बैठेंगे। शांतिपूर्ण ढंग से बिना कानून व्यवस्था को कोई नुकसान पहुंचाए कोरोना नियमों का पालन करते हुए हम अपनी आवाज उठाएंगे।
बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष केपी सिंह ने की। बैठक में समिति के महासचिव कर्नल उमेश वर्मा, सचिव दिनेश कुमार वर्मा ‘सारथी, उपाध्यक्ष आलोक तोमर, जोगेंद्र सिंह चाहर, संयोजक डॉ सुरेंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष डॉक्टर योगेंद्र सिंह, एस.के.वार्ष्णेय के अलावा व्यापारी नेता पवन बंसल, सीजे थापर, सुनील अग्रवाल, विका, मोहन बंसल, युसूफ खान, कासगंज से पुष्पेंद्र सोनी, मथुरा से वरिष्ठ पत्रकार चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार, हाथरस से संजय दीक्षित, सेवानिवृत पीसीएस अधिकारी राम नगीना एवं यादराम वर्मा, अलीगढ़ से एडवोकेट रामसिंह एवं सतीश सिंह आदि ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
