हाथरस/आगरा। आज शनिवार को ताज प्रदेश निर्माण समिति की ऑनलाइन मीटिंग में आगरा और अलीगढ़ मंडल को मिलाकर ताज प्रदेश बनाए जाने की मुहिम को तेज करने का निर्णय लिया गया। सभी वक्ताओं का कहना था, जब तक छोटा स्टेट आगरा अलीगढ़ मंडल को मिलाकर नहीं बनेगा, तब तक क्षेत्र पीछे ही रहेगा। किसी भी हालत में ताज प्रदेश बनना ही चाहिए। अपने देश में ही प्रस्तावित ताज प्रदेश से भी छोटे-छोटे राज्य हैं, फिर यह क्यों नहीं बन सकता ? उत्तर प्रदेश का पुनर्गठन राजनीतिक उद्देश्य नहीं, बल्कि रोजगार, विकास, कानून- व्यवस्था, न्याय- व्यवस्था, प्रशासनिक व्यवस्था आदि की दृष्टि से होना चाहिए। ताज प्रदेश बनने पर क्षेत्र के सारे नागरिकों को 100 किलोमीटर के दायरे में सारी सुविधाएं मिलेंगी। सरकारों का प्रशासनिक तंत्र पर होने वाला खर्चा कम होगा। भ्रष्टाचार पर नियंत्रण होगा। तेल की कीमतें कम होंगी। बैठक में सर्वसम्मति से तय किया गया कि इसके लिए सोमवार को आगरा में जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया जाएगा। इसी तरह के ज्ञापन आगरा और अलीगढ़ मंडल के हर जिले में वहां के पदाधिकारियों द्वारा दिए जाएंगे। इसके बाद जनप्रतिनिधियों के माध्यम से भी केंद्र और राज्य सरकार तक मांग पहुंचाई जाएगी। जब तक ताज प्रदेश नहीं बनेगा, चैन से नहीं बैठेंगे। शांतिपूर्ण ढंग से बिना कानून व्यवस्था को कोई नुकसान पहुंचाए कोरोना नियमों का पालन करते हुए हम अपनी आवाज उठाएंगे। बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष केपी सिंह ने की बैठक में समिति के महासचिव कर्नल उमेश वर्मा सचिव दिनेश कुमार वर्मा ‘सारथी’ उपाध्यक्ष आलोक तोमर जोगेंद्र सिंह चाहर संयोजक डॉ सुरेंद्र सिंह कोषाध्यक्ष डॉक्टर योगेंद्र सिंह, एस.के.वार्ष्णेय के अलावा व्यापारी नेता पवन बंसल सीजे थापर सुनील अग्रवाल विकास मोहन बंसल युसूफ खान कासगंज से पुष्पेंद्र सोनी मथुरा से वरिष्ठ पत्रकार सीपी सिंह सिकरवार हाथरस से संजय दीक्षित, सेवानिवृत पी०सी०एस० अधिकारी राम नगीना एवं यादराम वर्मा, अलीगढ़ से एडवोकेट रामसिंह एवं सतीश सिंह आदि ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।