मथुरा। 5 जून, शनिवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रत्येक घर मे हवन – यज्ञ हो, प्रकृति अर्थात भूमि, जल एवं पेड़-पौधों की भी पूजा हो, ऐसी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की योजना है। इसी योजना को विस्तार से बताने के लिए आज 3 जून, गुरुवार को श्रीकृष्ण जन्मभूमि गेस्ट हाउस पर एक पत्रकार वार्ता का आयोजन हुआ।
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए संघ के विभाग पर्यावरण गतिविधि प्रमुख डॉ प्रमोद ने कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण अत्यधिक चिंता का विषय है विश्व के समस्त देश इस ओर सक्रिय हैं। परंतु जब तक आम जनमानस स्वयं जागरूक होकर इस गंभीर विषय पर चिंतन मनन करके क्रियाशील नहीं होगा तब तक सकारात्मक परिणाम प्राप्त नहीं होंगे, इसीलिए पर्यावरण को संघ ने अपनी गतिविधि के रूप में जोड़ा है इसी पर्यावरण गतिविधि के अंतर्गत इस कार्यक्रम को आयोजित किया जा रहा है। हिंदू धर्म ग्रंथों में यज्ञ की अग्नि को ईश्वर का मुख माना गया है। इसमें जो कुछ आहुति किया जाता है वह वास्तव में ब्रह्मभोज है । धर्म ग्रंथों में मनोकामना पूरी करने के लिए बुरी घटना टलने के लिए यज्ञ करने का उल्लेख मिलता है। इन सब में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यज्ञ इंसान एवं प्रकृति दोनों के लिए काफी लाभप्रद है ।
राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान (NBR) संस्थान द्वारा किए गए शोध से पता चला है कि यज्ञ के दौरान उठने वाले धुएं से वायु में मौजूद हानिकारक जीवाणु 94% तक नष्ट हो जाते हैं साथ ही इसके धुएं से वातावरण शुद्ध होता है और इससे बीमारी फैलने की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है।
विभाग प्रचार प्रमुख डॉ कमल कौशिक ने बताया कि रोग नाशक औषधियों से किया यज्ञ रोग निवारण वातावरण को प्रदूषण से मुक्त करने स्वस्थ रहने में सहायक होता है । भारतीय संस्कृति इस वैज्ञानिक तरीकों को अपनाने के लिए संघ जन जागरण अभियान भी चला रहा है वर्तमान में कोरोना का वायरस वातावरण में भी पहुंच गया है ऐसी चर्चा है । इस हेतु वर्तमान परिवेश में हम अपने – अपने घरों में रहते हुए क्या – क्या कर सकते हैं ऐसा विचार करके संघ ने विश्व पर्यावरण दिवस पर यज्ञ का आह्वान किया है।
संघ के सह विभाग कार्यवाह डॉ संजय ने बताया कि जब पर्यावरण प्रदूषित होने प्रारम्भ हुआ तब विश्व ने पर्यावरण को बचाने के लिए वर्ष में एक दिन पर्यावरण दिवस मनाने का विचार किया जबकि हमारे पूर्वज पर्यावरण के प्रति बहुत सचेत रहते थे, वे समय समय पर चयनित विशिष्ट पेड़ पौधों को बोते थे जिनसे हमारा वायुमंडल एवं पृथ्वी का संरक्षण होता था। हवन यज्ञ करना हमारे पूर्वजों की परंपरा का अनिवार्य अंग था। आज उसी पुरानी ऋषि परंपरा को हमें अपनाना पड़ेगा तब ही सही मायनों में पर्यावरण का संरक्षण हो पायेगा।
इस दिन प्रमुख मठ-मंदिरों एवं आश्रमों पर भी संघ के स्वयंसेवक संपर्क करके हवन यज्ञ करने का आग्रह करेंगे इसके साथ ही जनपद में लगभग 1 लाख परिवारों में हवन यज्ञ हो ऐसी संघ की योजना है।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट के सदस्य एवं हिंदूवादी नेता गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी जी ने संघ की तरफ से आम जनमानस से निवेदन किया है सभी अपने अपने घरों में दिनांक 5 जून 2021 शनिवार को प्रातः 8:00 बजे पूरे परिवार के साथ यज्ञ का आयोजन करें।
संपूर्ण समाज जब एक साथ यज्ञ करेगा तो उससे वातावरण भी शुद्ध होगा तथा साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रभाव बढ़ेगा।
इस दिन संघ के स्वयंसेवक मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ की वेदी लेकर के भी गली गली निकलेंगे जसीए सम्पूर्ण क्षेत्र में सकारात्मक वातावरण का निर्माण हो।
जिन घरों में यज्ञ करना संभव न हो वहां पर लोग गाय के गोबर के कंडे पर घी के साथ अग्नि प्रज्ज्वलित कर 11 बार गायत्री मंत्र का जाप करें।
हवन सामिग्री की उपलब्धता के लिए संघ के स्वयंसेवकों ने दीनदयाल धाम से छोटे छोटे हवन समिधा के पैकेट खरीद लिए हैं, जो कि सशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं
पत्रकार वार्ता में अजय अग्रवाल, विजय बहादुर आदि स्वयंसेवक उपस्थित थे।