फेफड़ों को संक्रमण से बचाने को करें अनुलोम – विलोम, प्राणायाम

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  • योगाचार्य बंसीधर अग्रवाल वर्चुअल तरीके से समझा रहे योग की बारीकियां

मथुरा। नियमित सुबह शाम एक एक घंटे अनुलोम – विलोम प्राणायाम करें तो कोरोना वायरस से फेफड़े बचाए जा सकते है।
यह कथन है योगाचार्य वंशीधर अग्रवाल का। वह आजकल लोगों को योग करा रहे हैं। वर्चुअल जानकारी भी दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि फेफड़ों (लंग्स) में कोरोना वायरस चला जाए तो उसे निकालने के लिए डॉक्टरों को व स्वयं को बहुत कष्ट उठाने पड़ते हैं। आजकल ऐसा ही हो रहा है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि अनुलोम – विलोम प्राणायाम 4 आसनों में किया जा सकता है – पद्मासन, सुखासन ( आलती – पालती मारकर बैठना), वज्रासन तथा कुर्सी पर बैठकर किया जा सकता है। यह प्राणायाम चार मुद्राओं से हम कर सकते हैं – बैठ कर, खड़े होकर, चलते चलते, सोते-सोते तथा 24 घंटे में कभी भी, खाने से पहले और खाने के बाद भी कर सकते हैं।
योगाचार्य श्री अग्रवाल ने बताया आज कोरोना महामारी मध्यम वर्ग और उच्च मध्यम वर्ग में बहुत फैल रही है। इसका कारण है ऐसे परिवार ज्यादातर रात में एसी में सोते हैं। रात को 2 बजे तक जागते हैं। सुबह 10 और 12 के बीच उठते हैं।
इनकी इम्यूनिटी पावर (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कमजोर होने के कारण कोरोना वायरस फेफड़ों ( लंग्स ) में घुस जाता है, जिससे हम कुछ नहीं कर पा रहे है।

इस प्राणायाम से नाक के जरिए फेफड़ों तक जाने वाली नस सांस लेने में दिक्कत पैदा नहीं करती हैं। इसके अलावा कोरोना से अगर बचना है तो सूर्योदय से पहले उठकर अनुलोम विलोम प्राणायाम ,वाकिंग तथा आसन आदि कम से कम 2 घंटे करने होंगे।
अग्रवाल ने कहा कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए सुबह शाम अनुलोम विलोम प्राणायाम,वाकिंग तथा आसन करें। इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
जिला आयुष अधिकारी डा नरेंद्र कुमार ने बताया है कि व्यायाम करने से कोरोना को दूर भगाने में मदद मिलती है। प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों में प्राणायाम को एक विषय के रूप में रखा गया था। अब भी जो लोग प्राणायाम कर रहे हैं, वह स्वस्थ हो रहे हैं।

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