मथुरा के केडी मेडिकल कालेज एंड हास्पीटल में वर्ष 2020 के कोरोना काल में दो दर्जन कोरोना उपचाराधीन महिलाओं ने जन्मे थे स्वस्थ बच्चे
मथुरा। कोरोना संक्रमण सबके लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए हाई रिस्क श्रेणी के लोगों को विशेष एहतियात बरतना होगा।
वर्ष 2020 में अकेले केडी मेडिकल कालेज एंड हास्पीटल में दो दर्जन कोरोना उपचाराधीन महिलाओं ने स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया था।
कोरोना के इस दौर में छोटे बच्चे, बुजुर्ग, गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति और गर्भवती की इम्यूनिटी कमजोर होती है। ऐसे ये लोग जरा सी लापरवाही से कोरोना संक्रमण का शिकार हो सकते हैं। ऐसे में उन्हें बचना होगा।
वैसे डब्ल्यूएचओ का मानना है कि कोरोना पाजिटिव गर्भवती महिलाओं के जरिए गर्भस्थ शिशु में यह वायरस नही फैल सकता है। यह बात कोविड-19 पाजिटिव गर्भवती महिलाओं पर किए गए टेस्ट के आधार पर कही गई है। फिर भी डॉक्टर, महिला और अजन्मे बच्चे के संक्रमण रहित होने के लिए पूरी एहतियात बरतने पर जोर दे रहे हैं।
महिला रोग विशेषज्ञ डा मुक्ता सिंह के अनुसार गर्भवती की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे उनमें श्वसन तंत्र या फेफड़ों के इंफेक्शन का खतरा काफी ज्यादा रहता है।
वर्ष 2020 में केडी मेडिकल कालेज एंड हास्पीटल मथुरा में सुरक्षित प्रसव कराने में चीफ मेडिकल ऑफीसर कोविड-19 डॉ. पुलकेश, डॉ. अंकिता राजगढ़िया, डॉ. नितिन जी. पुरिया, नर्सेज यामिनी, पूनम एवं जतिन आदि की भूमिका सराहनीय रही थी।
इन बातों का रखें ध्यान गर्भवती
मथुरा। गर्भावस्था सात महीने की हो चुकी है तो महिला को घर पर ही अपने भ्रूण के मूवमेंट का ध्यान रखना चाहिए।
अगर गर्भवती प्रेग्नेंट महिला कोरोना की शिकार हो जाती है तो उसे सांस लेने में और ज्यादा दिक्कत हो सकती है। आक्सीजन की व्यवस्था होनी चाहिए।
क्या सेवन करें गर्भवती महिलाएं
मथुरा । गर्भवस्था के समय महिलाओं को अपने भोजन में कार्बोहाइड्रेट, फैट, प्रोटीन, विटामिन, हाई फाइबर व मिनरल्स आदि को शामिल कर संतुलित भोजन का सेवन करना चाहि। बादाम, सुपर फूड जैसे हल्दी, अदरख, लहसुन आदि का सेवन करना चाहिए।