‘टीबी हारेगा-देश जीतेगा’ अभियान में टीबी सैनिटोरियम का सहयोग सबसे ज्यादा

देश

-टीबी रोगी मरीजों की जानकारी देने वाले प्राइवेट अस्पतालों को दी प्रोत्साहन राशि

-केमिस्ट और पैथोलॉजी भी अपने यहां टीबी की दवा लेने और जांच कराने को आने वाले मरीजों पर रख रहे हैं नजर

मथुरा। ‘टीबी हारेगा-देश जीतेगा’ अभियान में निजी चिकित्सकों द्वारा टीबी रोगी मरीजों की जानकारी देने की बाध्यता के उत्साहजनक परिणाम मिलने लगे हैं। वृंदावन के टीबी सैनिटोरियम अस्पताल ने सबसे ज्यादा टीबी मरीजों की जानकारी मथुरा के जिला क्षय रोग विभाग को दी है। विभाग ने निजी चिकित्सकों के खाते में प्रोत्साहन राशि डाली है।
जिला क्षय रोग विभाग ने सबसे ज्यादा टीबी सैनिटोरियम वृंदावन के खाते में दो बार में लगभग ₹1 लाख 90 हजार की प्रोत्साहन राशि खाते में डाली है जिससे यह साबित हो रहा है कि यह अस्पताल क्षय रोग विभाग को सबसे ज्यादा टीबी के मरीजों की जानकारी दे चुका है। इसके अलावा डा मनीष बंसल के खाते में 85 हजार, आशीवाद हॉस्पिटल के खाते में 83 हजार, विपिन नर्सिंग होम के खाते में 99 हजार 500 रूपये, सरोज पॉलीक्लिनिक के खाते में 71 हजार 500 रुपये, ब्रज नर्सिंग होम के खाते में 64 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि के दिए जा चुके हैं। यह राशि इन अस्पतालों द्वारा अपने यहां आए टीबी मरीजों की जानकारी एकत्रित कर विभाग को देने के एवज में 500 प्रति मरीज के हिसाब से प्रदान की गई है।
मथुरा के कुल 34 नर्सिंग होम की सूची पहले चरण में जारी हुई है। कई अन्य अस्पतालों द्वारा भी सहयोग किया गया है।
क्षय रोगियों को नोटिफाइड करने के लिए निजी चिकित्सक विभाग को न केवल सहयोग कर रहे हैं बल्कि वे अभियान सफल बनाने को लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं। जिला क्षय रोग विभाग प्राइवेट चिकित्सकों को टीबी मरीजों की जानकारी देने की एवज में प्रोत्साहन राशि भी प्रदान कर रहा है।
जिला औषधि निरीक्षक ने भी सभी केमिस्ट को हिदायत दी है कि वे वह टीबी की दवा लेने के लिए आने वाले हर ग्राहक की जानकारी संकलित करें और क्षय रोग विभाग को मोबाइल नंबर समेत जानकारी प्रदान करें। इस इस आदेश पर कई केमिस्ट टीबी मरीजों के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। वे केमिस्ट अपने यहां शेड्यूल एच-1 रजिस्टर अपडेट रखने लगे हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. संजीव कुमार यादव ने दो माह पूर्व आईएमए के माध्यम से मथुरा के सभी निजी चिकित्सक, क्लीनिक, पैथोलॉजी एवं केमिस्ट को अवगत कराया था कि वे भारत सरकार द्वारा जारी उस गजट नोटिफिकेशन का सभी पालन करें जिसमें उनसे टीबी रोगी मरीजों की जानकारी देने की अनिवार्यता लागू की है। इसके लिए जनपद में 24 टीमों का गठन पहले ही किया जा चुका है।

टीबी रोगी खोज अभियान के पिछले आंकड़े
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मथुरा। टीबी रोगी खोज अभियान के प्रथम चरण में 26 दिसंबर 20 से 1 जनवरी 21 तक अनाथालय, जिला कारागार, बाल संरक्षण व गृह नारी निकेतन में क्षय रोगियों की खोज में 100 बलगम सैंपल में 4 टीबी के मरीज खोजे। दूसरे चरण में 2 से 12 जनवरी 21 तक मलिन बस्तियों में 2900 से अधिक की बलगम की जांच में 150 संदिग्ध टीबी मरीज मिले। जांच के बाद उनका इलाज शुरू किया गया था।

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