राधा और कृष्ण में कोई भेद नहीं : चिन्मयानंद बापू

बृज दर्शन

उत्तम शर्मा

गोवर्धन/मथुरा। बरसाना धाम में चल रही श्री राम कथा के दौरान  चिन्मयानंद बापू ने कहा की बरसाना धाम किशोरी जी की पावन धरा है और बिना किशोरी जी की इजाजत से आप ब्रज में प्रवेश नहीं कर सकते, ब्रज में बास यदि चाहिए है तो किशोरी जी की कृपा पाना अति अनिवार्य है।भगवान कृष्ण की आह्लाद सकती है किशोरी जी श्री राधा रानी। बापू ने आगे कहा कि राधा कृष्ण में कोई भेद नहीं है। भगवान कृष्ण का ही प्रेम स्वरूप श्री राधा है और जिसके जीवन में किशोरी जी की कृपा हो जाए उसका जीवन धन्य धन्य हो जाता है। यह वह धरा है जहां बड़े-बड़े ऋषि महात्मा आज भी ब्रज रज में लोटे रहते हैं और इस कलयुग में भी लगभग 50 से 100 वर्ष पूर्व ऐसे भक्त ब्रज में हुए हैं जिन्हें भगवान का सानिध्य प्राप्त हुआ और भगवान के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। पूज्य बापूजी ने कहा कि यदि भक्ति का चश्मा पहनकर आप ब्रज में आते हैं तो निश्चित ही आपको ठाकुर का दीदार होगा और राधा रानी की कृपा होगी। कथा में राधा रानी के प्राकट्य पर चर्चा व्याख्या हुई। चिन्मयानंद बापू ने मीडिया को बताया कि राधा रानी की नगरी में राम कथा के माध्यम से विशेष प्रसंग मानस श्री राधा इसमें राधा रानी का जो मूल तत्व है जो भगवान श्री कृष्ण की आलाहादिनी शक्ति है उनके विषय में जो तत्व विवेचना आई है उस पर कथा व चर्चा हो रही है। जिससे भक्तों को पता चले की राधा तत्व क्या है। ब्रज के ग्रंथों में इसकी विशेष महिमा है लेकिन वेदों ने प्रमाणित किया है।कथा में मुख्य यजमान मुरारी लाल गोयल, सुमन गोयल, सृष्टि ,मयंक वैद्य, विमल भदोरिया , नरेश जांगिड़ वह मयंक आदि मौजूद रहे।

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