–इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में रिसर्च तथा इनोवेशन एवं डिवाइस डेवलपमेंट के लिए जीएलए तथा सीएसआइआर -सीरी पिलानी के मध्य हुआ करार
मथुरा। नैनो सेंसर्स, नैनो डिवाइस, बायोसेंर्स, साइबर फिजिकल सिस्टम्स तथा माइक्रोवेव डिवाइसेस के डिजाइन तथा डवलपमेंट को बढ़ावा देने एवं इस क्षेत्र में नवाचार तथा रिसर्च की अपार संभावनाओं को देखते हुए जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा और सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएसआईआर- सीरी) पिलानी जो कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार का एक निकाय है के मध्य एक करार हुआ है।
जीएलए के कुलसचिव अशोक कुमार सिंह तथा सीएसआईआर-सीरी पिलानी के हेड टीबीडी डॉ. अजय अग्रवाल ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस करार के अंतर्गत दोनों ही संस्थान अपने साइंटिफिक स्टाफ तथा प्रोफेसर, अंडर ग्रेजुएट, ग्रेजुएट तथा डॉक्टरोल प्रोग्राम में अध्ययन कर रहे छात्रों एवं रिसर्च स्कॉलर का परस्पर एक्सचेंज कर सकेंगे। इस एमओयू का प्रमुख लक्ष्य दोनों ही संस्थानों में रिसर्च कर रहे स्कॉलर्स फैकल्टी तथा छात्रों को जॉइंट रिसर्च प्रोग्राम तथा कॉन्फ्रेंसेस के आयोजनों के साथ-साथ उच्च स्तरीय तथा आधुनिक प्रयोगशालाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराना होगा, जिसके माध्यम से दोनों ही संस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स रिसर्च तथा इनोवेशन एवं डिवाइस प्रोटोटाइपिंग तथा उत्पादन के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।
जीएलए के कुलपति प्रोफेसर फाल्गुनी गुप्ता ने बताया कि विष्वविद्यालय छात्रों तथा रिसर्च स्कॉलर्स को इनोवेशन तथा रिसर्च के लिए एक अत्याधुनिक तथा विश्वस्तरीय इकोसिस्टम प्रदान कर रहा है तथा राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय रिसर्च फंडिंग, एजेंसीज, केंद्रीय रिसर्च प्रयोगशालाओं एवं यूजीसी द्वारा संचालित इनोवेशन एवं रिसर्च को प्रोत्साहित करने वाली योजनाओं से जुड़ रहा है।
इस अवसर पर विष्वविद्यालय से इलेक्ट्राॅनिक्स एंड कम्यूनिकेषन के विभागाध्यक्ष प्रो. विनय कुमार देवलिया तथा डाॅ. अंजन कुमार एवं सीएसआईआर -सीरी से पीएमई प्रमुख डॉ. सुचंदन पाल तथा प्रधानाचार्य साइंटिस्ट प्रमोद कुमार तंवर उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के डीन रिसोर्स जनरेशन एवं प्लानिंग डाॅ. दिवाकर भारद्वाज ने बताया कि एमओयू के माध्यम से फैकल्टी तथा छात्रों को एक व्यापक रिसर्च ओरिएंटेड प्लेटफार्म उपलब्ध कराने का प्रयास किया जायेगा।