देश को स्वतंत्रता दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों /शहीदों को किया गया याद
मथुरा। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने वृन्दावन में गांधी जी सहित विभिन्न स्वतंत्रता सेनानियों के चित्र पर माल्यार्पण एवं शहीद स्मारक समाधि स्थल पर पुष्प अर्पित कर नमन किया ।
जिलाधिकारी ने स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार वालों को स्मृति चिन्ह एवं शाल देकर सम्मानित किया गया। तदोपरान्त हिमानी गौर ने वन्दे मात्रम् गीत प्रस्तुत कर लोगो का मन मोह लिया और वन्दे मात्रम् गीत सुनते ही लोगों ने तालियां बजाकर उसकी बहुत सराहना भी की। हिमानी गौर के भाई क्यून गौर द्वारा देश भक्ति गीत ’’तेरी मिट्टी में मिल जावां, गुल बनके मै खिल जावां,बस इतनी सी है आरजू’’ गा कर लोगों का मन मोह लिया, इस देश भक्ति गीत पर भी उपस्थित जन सैलाब द्वारा तालियां बजाकर क्यून गौर का स्वागत किया। तदोपरान्त प्रेम स्कूल के छात्र/छात्राओं द्वारा पुलवामा हमले पर नुक्कड़ नाटक तथा राष्ट्रभक्ति गीत प्रस्तुत कर भी लोगों का मन मोह लिया।
चौरी चौरा शताब्दी समारोह महोत्सव के अवसर पर हमारे देश के यशस्वी एवं लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी ने लाइव टेलीकास्ट के माध्यम से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि चैरी-चैरा में जो भी हुआ वो सिर्फ एक थाने में आग लगाने की घटना नही थी, इससे एक बडा सन्देश अंग्रेजी हुकूमत को दिया गया। इस वर्ष देश की आजादी के 75 वर्ष की शुरूआत होगी। इस घटना को इतिहास में सही जगह नही दी गयी है लेकिन हमें उन शहीदों को नमन करते हैं। उन्होंने अपने सम्बोधन में यह भी कहा कि बजट में किसानों के लिए कई कदम उठाये गये हैं। मण्डी में किसानों के फायदे के लिए फसल बेचने की आजादी होगी। सरकार द्वारा लिये गये सभी फैसले किसान के लाभ का आधार बनेंगे और किसानों की जमीन पर किसी की भी बुरी नजर नही पडेगी।
इस अवसर पर मा0 प्रधानमंत्री जी ने पाॅच रूपये का ‘‘ चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव’’ का डाॅक टिकट जारी किया। उन्होंने कहा कि देश को कभी चैरी-चैरा की घटना नही भूलना चाहिए। हमारे वीर सपूतों ने इस देश को आजाद कराने में अपना बलिदान दिया है। सूचना विभाग द्वारा एलईडी वैन के माध्यम से मा0 प्रधानमंत्री एवं मा0 मुख्यमंत्री के भाषण सहित सम्पूर्ण कार्यक्रम का लाईव प्रसारण किया गया
इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ0 गौरव ग्रोवर ने अपने उद्बोधन में कहा कि देश की आजादी में अपने प्राणों की आहूति देने वाले वीर शहीदों को मेरा नमन है, जिनकी कुर्बानियों के नतीजे में आज हम आजाद भारत में स्वतंत्रता के साथ और सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चैरी चैरा काण्ड भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के जोश का परिणाम था, जो देश की आजादी के इतिहास में अपना महत्व रखता है। उन्होंने कहा कि हम जिस क्षेत्र में भी हैं अपने दिल में देश की सुरक्षा, स्वतंत्रता और समृद्वि के लिए बलिदान की भावना को जागृत रखें और व्यवहारिक रूप से उसका प्रदर्शन भी करते रहें, जो अन्य लोगों के लिए पे्ररणास्रोत बने। उन्होंने कहा कि देश के सुरक्षित रहने से ही हम सब सुरक्षित हैं, देश शक्तिशाली और समृद्व होगा तो हम सब भी शक्तिशाली और समृद्धि होंगे।
जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने चौरी चौरा काण्ड से संबंधित इतिहास के पन्ने पलटते हुए कहा कि चौरी चौरा घटना 04 फरवरी 1922 को ब्रिटिश भारत में संयुक्त राज्य के गोरखपुर जिले के चौरी चौरा में हुई थी, जब असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा समूह पुलिस के साथ भिड़ गया था। जवाबी कार्रवाई में प्रदर्शनकारियों ने हमला किया और एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी थी, जिससे उनके सभी कब्जेधारी मारे गए। इस घटना के कारण तीन नागरिकों और 22 पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी। महात्मा गांधी, जो हिंसा के सख्त खिलाफ थे, उन्होने इस घटना के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में 12 फरवरी 1922 को राष्ट्रीय स्तर पर असहयोग आंदोलन को रोक दिया था। चौरी चौरा कांड के अभियुक्तों का मुकदमा पंडित मदन मोहन मालवीय ने लड़ा और उन्हें बचा ले जाना उनकी एक बड़ी सफलता थी।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 नितिन गौड़ ने कहा कि चैरी-चैरा जैसी तमाम घटनाओं के कारण हमारे देश के कई वीर सपूतों ने अपने को न्योछावर कर शहीद हो गये जिसके लिए देश हमेशा उन्हे नमन करता रहेगा।
नगर मजिस्ट्रेट जवाहर लाल श्रीवास्तव ने कहा कि देश को आजादी दिलाने में तमाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का योगदान रहा है तमाम स्वतंत्रता सेनानी अपने को न्योछावर कर शहीद हो गये इसके लिए देश हमेशा उनका ऋणी रहेगा। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं शहीदो के आश्रितों के लिए सरकार उनके सुख-दुख में हमेशा साथ है और उनका हमेशा सम्मान किया जायेगा।
इस अवसर पर नगर मजिस्ट्रेट जवाहर लाल श्रीवास्तव, पर्यटन अधिकारी डी के शर्मा सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी /कर्मचारी, गणमान्य व्यक्ति, प्रबुद्ध जन, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के/ शहीदांे के परिवारीजन, अध्यापक/अध्यपिकाएं ,छात्र/छात्राएं एवं जन सैलाब उपस्थित रहा।