किसान आंदोलन में रालोद-सपा ने तलाशी राजनीतिक जमीन

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मथुरा। दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए घटनाक्रम के बाद किसान आंदोलन नए मोड़ पर है। दिल्ली की सड़कों से लेकर लाल किले तक उपद्रव की तस्वीरों ने देश को विचलित किया। इन सबके बीच आंदोलन का अगला पड़ाव बाजना का मोरकी मैदान बनता नजर आया। भारतीय किसान यूनियन प्रवक्ता राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद जाट बेल्ट में किसानों ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है। किसान आंदोलन का केंद्र अब वेस्ट यूपी बन रहा है।
रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मथुरा के पूर्व सांसद जयंत चौधरी शनिवार को किसानों की महापंचायत को समर्थन देने बाजना के मोरकी मैदान पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसानों पर लाठी चलवा सरकार ने अपना इकबाल खो दिया है। इससे क्रूर और निर्दयी सरकार आज तक नहीं आई। मैं ऐसी सरकार को लानत भेजता हूं। उन्होंने कहा कि किसानों का बदन लोहा है, लेकिन दिल सोना है। इस आंदोलन को फिर से शुरू करने की आवश्यकता है। सोते हुए किसानों पर डाका डाला गया। उन पुलिसकर्मियों को भी थोड़ा लिहाज करना चाहिए था, मैं उसकी भी आलोचना करता हूं। जयंत ने कहा कि चौधरी साहब (अजित सिंह) ने भी कहा है कि यह हमारे जीवन मरण का सवाल है। किसे कुचलना चाह रही है सरकार, किस पर लठ चला रही है… किसान पर! सरकार को इसका खामियाजा भुगतना ही पड़ेगा।

गाजियाबाद में गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत की सिसकी के बाद मथुरा में माहौल गरमा गया। गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में आज बाजना में महापंचायत मौरकी इंटर कॉलेज के मैदान में हुई। महापंचायत में सुबह से ही किसान ट्रैक्टरों पर सवार होकर पहुंचने लगे थे। दोपहर होते-होते किसानों का रेला उमड़ पड़ा।

समाजवादी पार्टी के नेता और एमएलसी संजय लाठर ने इस दौरान बीजेपी को 2022 और 2024 के चुनाव में सबक सिखाने की चेतावनी दी है। भाकियू नेता सोनू प्रधान ने इस दौरान कहा कि राकेश टिकैत के हर आंसू का हिसाब सरकार से समय पर लिया जाएगा।
भाकियू नेता चेतन नौहबार ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर गाजीपुर में किसी किसान को खरोंच भी आई तो सरकार को बहुत बुरे अंजाम से गुजरना पड़ेगा।

आंदोलन गरमाने के आसार
इस बीच बाजना में राष्ट्रीय लोकदल और समाजवादी पार्टी नेताओं के खुलकर समर्थन में आने से आंदोलन और गरमाने के आसार हो गए। आयोजक नेताओं ने किसानों को पूरी तरह शांति व्यवस्था बनाए रखने की हिदायत दी गई।
शुक्रवार रात भर भाकियू और रालोद के असर वाले गांवों में भीड़ जुटाने के लिए बैठकों का दौर चलता रहा।

पुलिस का सिरदर्द
उधर महापंचायत के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। पुलिस और पीएसी के जवानों ने महापंचायत के आसपास के एरिया को छावनी में तब्दील कर दिया। जिले का प्रशासन पूरी तरह महापंचायत स्थल पर मुस्तैद नजर आया और पुलिस का खुफिया विभाग भी अपने आला अधिकारियों को पल-पल की जानकारी देता रहा। ऐसे में पूरी रेंज से पुलिस बल बुलाने के साथ पीएसी जवानों के साथ आसपास के करीब आधा दर्जन जिलों से फोर्स की तैनाती की गई।

उपस्थित लोग
इस दौरान पूर्व सांसद जयंत चौधरी, एमएलसी संजय लाठर, पूर्व मंत्री ठा० तेजपाल सिंह, जिलाध्यक्ष राजकुमार तौमर, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चेतन मलिक,खैर अलीगढ़ से पूर्व विधायक भगवती सूर्यवंशी, कुंवर नरेंद्र सिंह, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी, रविंद्र नरवार, डा० अशोक अग्रवाल, गजेंद्र गावर भाकियू, मिडिया प्रभारी शिवकुमार तौमर, संगठन मंत्री अमित चौधरी वेदू पहलवान मुडिलिया,अजय सरपंच, सोनू प्रधान मुडिलिया, शिवा चौधरी, रालोद नेता योगेश नौहबार,चौधरी भगवती प्रसाद चेयरमैन, चौधरी देवराज सिंह, चौधरी रोहिताश तहसील अध्यक्ष, चुनमुन चौधरी ब्लाक अध्यक्ष, प्रदेश उपाध्यक्ष बुद्धा सिंह प्रधान,

सपा नेता ओमवीर नौहवार, सौरभ एडवोकेट,रामधन गुर्जर,के साथ सैकड़ों की तादात में भारतीय किसान यूनियन और राष्ट्रीय लोकदल और समाजवादी पार्टी के नेता मौजूद रहे। अध्यक्षता चतुर सिंह तिलकागडी और संचालन भाकियू उपाध्यक्ष

अजय सरपंच ने किया।

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