टीबी के मरीजों के लिए नई दवा की गयी लॉन्च

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-6 से 17 वर्ष तक के बच्चों की बिगड़ी टीबी के लिए ये रामबाण साबित होगी

-फिलहाल दवा बिक्री के लिए उपलब्ध नही होगी, मरीजों को अस्पतालों से ही मिलेगी मुफ्त

मथुरा। टीबी की नई दवा तैयार हुई है। इस दवा से बच्चों में एमडीआर टीबी की बीमारी ठीक की जा सकेगी। इससे बिगड़ी टीबी को रिकवर होने में काफी सहूलियत होगी। खास बात यह है कि इस दवा को 6 से 17 साल के बच्चों के इलाज में भी प्रयोग किया जा सकेगा।
विगत 2 जनवरी से चल रहे टीबी हारेगा-भारत जीतेगा अभियान के दूसरे चरण में ये दवा आगरा के एस एन मेडिकल का कालेज में लाँच हुई है। अब ये मथुरा के क्षय रोग अस्पताल से मिलना संभव होगी।
आगरा के जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. यूबी सिंह, एस एन मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला और डॉ. संतोष ने दो दिन पहले इस दवा को 16 वर्षीय मरीज को खिलाकर इसे लॉन्च किया।
दवा के लॉन्च के समय एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. यूबी सिंह, टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार, बाल रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. नीरज यादव, डा. जीबी सिंह, डॉ. मोना वर्मा, डॉ.कोमल जिला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह,अरविंद कुमार, जिला पीएमडीटी समन्वयक शशिकांत पोरवाल,पंकज सिंह टीबी विभाग के अन्य डॉक्टर्स उपस्थित रहे।
टीबी रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि टीबी की नई दवा एमडीआर (बिगड़ी टीबी) मरीजों के लिए काफी कारगर सिद्ध होगी। इससे पहले टीबी के एमडीआर मरीजों के लिए जिस दवा का उपयोग किया जाता था, उसे बच्चों को नहीं दिया जा सकता था। लेकिन ये नई दवा के आने से अच्छी बात यह है कि इसे एमडीआर के कम उम्र के बच्चों के लिए ज्यादा प्रभावी साबित होगी। इस दवा की एक खुराक की कीमत 3200 रुपये है। इसे मरीजों को मुफ्त दिया जाएगा।
यह दवा बाजार में उपलब्ध नहीं होगी, केवल टीबी विभाग द्वारा ही इसे मरीजों को दिया जाएगा। आगरा एेसा पहला शहर है जहां पर इस दवा को लॉन्च किया गया है। इससे पहले लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दवा को लॉन्च किया था। अब मथुरा के टीबी मरीजों के लिए इस दवा को निःशुल्क वितरण की बारी है। इस दवा को दो साल तक लगातार दिया जाएगा। इससे एमडीआर के मरीजों का 80 फीसदी तक रिकवर होने का चांस होता है।

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