मथुरा। जो भगवान श्री कृष्ण को ध्यान और भक्ति भाव से भजते है, उनके
सांसारिक जीवन के सभी कष्टों को भगवान कृष्ण हर लेते है। उद्धव की भक्ति में भगवान से कुछ मांगने की चाहत नहीं थी।
गोवर्धन रोड स्थित स्टैंडर्ड रिसोर्ट में श्रीमद भागवत कथा पुराण के दौरान स्वामी सुमेधानंद महाराज ने प्रगट किए। उन्होंने कहा कि जब हम दूसरों के लिए अच्छा सोचते है तो भगवान उस व्यक्ति के लिए भी स्वयं ही अच्छा करते है। सुदामा पर कभी भगवान की माया का प्रभाव नहीं पड़ा कभी माया ने उन्हें सताया नहीं क्यों कि सुदामा भगवान की ही चाहते थे। समर्पण भाव से जो भगवान की आराधना करते हैं भगवान उनके पास विपत्ति नहीं आने देते है।
यमुना महारानी मे स्नान करने से यमफास से मुक्ति मिलती है। क्योंकि यमराज की बहिन है यमुना महारानी। ‘बांके बिहारी से लगाय ले दोऊ नयना, जा दुनिया में कछु है ना’ भजन पर श्रोता मंत्र-मुग्ध होकर भक्ति भाव में नृत्य करते रहे। परीक्षित ने जब अपना अंत समय देखा तो भगवान की याद किया और श्रीमद भगवद का श्रवण करके भगवान को प्राप्त किया। श्रीमद भगवद कथा श्रवण से मनुष्य इन्द्रियों को जीत लेता है। सभी प्रकार के पापो का नष्ट कर देती है।
कथा के अंतिम दिन उन्होंने भगवान की अनेक लीलाओं का वर्णन किया । श्रीमद भगवद कथा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संसार में अपने दुखो को किसी व्यक्ति के सामने नहीं वयक्त करना चाहिए। क्योंकि उसकी सब हसी उड़ायेंगे, इसलिए भगवान श्रीकृष्ण से ही कहना चाहिए। श्रीमद भगवद कथा मानव ही नहीं सभी जीव जंतु दानव प्रेत आत्मा तक का कल्याण कर देती है। कथा के दौरान श्रोता मंत्र मुक्त होकर भक्ति में लीन दिखाई दिए।