मथुरा जनपद को पराली कम जलाने पर सम्मानित किया जाना किसानों के सहयोग से ही संभव: जिलाधिकारी

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मथुरा। मथुरा जनपद में पराली कम जलाए जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारी मथुरा सर्वज्ञ राम मिश्र को सम्मानित किया है।

इस संबंध में सर्वज्ञराम मिश्र ने कहा कि पराली कम जलाने पर मथुरा को मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा सम्मानित किया गया है, जिसमें किसान एवं विभिन्न विभागों का बड़ा सहयोग रहा ,उन्होंने कहा कि नगर पंचायत द्वारा रोटावेटर उपलब्ध कराये गये तथा कृषि विभाग द्वारा भी किसानों को पराली न जलाने एवं पराली को गौशालाओं में भेजे जाने के लिए प्रोत्साहित किया गया था, जिलाधिकारी ने सभी जनपद स्तरीय अधिकारी एवं जनपद वासियों को बधाई देते हुए कहा ये सम्मान उनके सहयोग से प्राप्त हुआ है और में आशा करता हूँ कि सभी अधिकारी एवं जनपद वासी इसी तरह से सहयोग करते रहे।
जनपद मथुरा में धान की पराली को आग लगाना एक गम्भीर समस्या थी। वर्ष 2018 में कुल 1049 घटनायें घटित हुयी थी, जिन्हें गत वर्ष डीएम के मार्ग-निर्देशन में राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अथक प्रयासों से 464 कर दिया गया तथा इस वर्ष जनपद में मात्र 151 पराली जलाने की घटनायें प्रकाश में आई हैं। आशा है कि आगामी वर्षो में कृषकों को जागरूक कर पराली का प्रबन्ध कराने के प्रयास किये जाएंगे ताकि कोई भी कृषक पराली को न जलाये।
पराली न जले यह सुनिश्चित करने हेतु डीएम द्वारा विगत वर्षो में फार्म मशीनरी बैंक एवं कस्टम हायरिंग सेन्टर के लाभार्थियों को निर्देश निर्गत किये गये थे कि वे अपने पराली प्रबन्धन के यन्त्रों का प्रयोग कर अधिक से अधिक कृषकों की पराली नष्ट करने का मौके पर ही प्रबन्ध कर दें।
आत्मा योजना के अन्तर्गत रखे गये सहयोगी कृषकों को इस आशय के साथ निर्देश दिये गये थे कि वे अपने आवटिंत गाॅव में पराली को जलाने से रोकने हेतु कृषकों को जागरूक करेंगें।
शासन के निर्देशों के क्रम में जनपद के समस्त कम्बाइन हार्वेस्टर धारकों को निर्देश दिये गये थे कि वे अपनी कम्बाइन में सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम अथवा कल्चर अथवा एम0बी0प्लाऊ अथवा स्ट्रा रीपर यन्त्र लगवा लें, जिसके परिपालन में कम्बाइन धारकों द्वारा उक्त यन्त्रों को लगवाकर ही धान की कटाई की गई थी।
इस वर्ष पराली को जलाये जाने से रोकने हेतु एवं पराली जलाने से जन मानस के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव से कृषक भाईयों को जागरूक करने के उद्देश्य से जनपद की समस्त ग्राम पंचायतों में विभिन्न विभाग अथवा कृषि, राजस्व, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, लघु सिंचाई, उद्यान, सहकारिता, सिंचाई विभाग के कुल 484 ग्राम स्तरीय कर्मचारियों को नोडल अधिकारी नामित किया गया था, उनके ऊपर 53 पर्यवेक्षीय अधिकारी नियुक्त किये गये हैं तथा जनपद के समस्त विकास खण्ड में जनपद स्तरीय अधिकारियों को ब्लाक नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया था, जो सतत् निगरानी बनाये हुये थे। उपरोक्त अधिकारियों के साथ प्रत्येक सप्ताह समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। पराली को खेतों/ग्रामों से संकलित करने के कार्य में विकास खण्ड में प्राइवेट व्यक्तियों/सन्तो जिसमें श्री आनन्द बाबा (गोवर्धन) प्रमुख है, को भी सम्मिलित किया गया था, उनके द्वारा भी पराली संकलन एवं पराली को गौशालाओं में भेजने का कार्य बृहद स्तर पर किया गया है। इसके अतिरिक्त विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों के माध्यम से भी पराली को गाॅवों से एकत्रित कर शासकीय गौशालाओं में भेजा गया है। जनपद की निजी एवं सरकारी गौशालाओं में लगभग 70000 मेट्रिक टन एकत्रित करायी गयी है।

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