मथुरा। नगर निगम मथुरा-वृंदावन सदर बाजार अशोक विहार में यमुना किनारे अवैध कब्जे से मुक्त कराई जमीन को जनहित में प्रयोग करेगा। पहले जहां मुक्त कराई जमीन पर सार्वजनिक पार्क बनाए जाने की योजना थी, वहीं अब सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जाने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है। अगर यहां एसटीपी की स्थापना हो गई तो क्षेत्रीय लोगों को नाले के बदबूदार पानी, हर बारिश में जलस्तर खराब होने और कच्चे नाले से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाएगी।
यमुना किनारे की तीन हजार वर्गमीटर की जमीन को नगर निगम ने दो चरणों में खाली कराया था। हालांकि इस कार्रवाई के विरोध में ऐसे लोगों ने बहुत हाथ-पैर मारे, जो खाली पड़ी सरकारी जमीन पर अपना कब्जा करना चाहते थे। जवाहरबाग की तर्ज पर खाली पड़ी इस जमीन पर कब्जे की कोशिश में जुटे कुछ क्षेत्रीय लोगों ने महिलाओं और बच्चों को आगे कर सरकारी कार्रवाई का विराध करने का प्रयास किया। कभी पूजा पाठ के नाम पर तो कभी गोशाला चलाने के नाम पर। लेकिन नगर निगम के सख्त रुख के चलते उनकी कोशिश सफल नहीं हो सकी। हालांकि अब भी अवैध कब्जाधारी और उनके समर्थक जमीन पर प्रस्तावित पार्क की तारफेंसिंग को खराब करने के प्रयास लगातार कर रहे है।
अब नगर निगम यहां एसटीपी स्थापित किए जाने की कार्ययोजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कालोनी की एक गली से पाइपलाइन डालकर नाले का पानी एसटीपी तक पहुंचाया जाएगा। इस कार्ययोजना के लिए बुधवार को नगर निगम के लेखपाल और अमीन ने पैमाइश भी की है। संभावना देखी गई कि जमीन के किस हिस्से में एसटीपी लगाना ज्यादा उचित रहेगा।
नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि यदि यहां एसटीपी की स्थापना हो गई तो यह यमुना प्रदूषण और कई क्षेत्रीय समस्याओं का रामबाण इलाज होगा। उन्होंने लोगों से सहयोग की अपील की है।