तीर्थ पुरोहित महासंघ और माथुर चतुर्वेद परिषद की याचिकाओं से नाराज गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने दिया इस्तीफा

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मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा में भगवान कृष्ण की जन्मभूमि की जमीन पर बनी ईदगाह मस्जिद को हटाने के मुकदमे की सुनवाई से पहले अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासंघ और माथुर चतुर्वेद परिषद ने ने बुधवार को इस मामले में पक्षकार बनने की कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके विरोध में माथुर चतुर्वेद परिषद के संरक्षक गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने इस्तीफा दे दिया है। गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी श्री कृष्ण जन्मस्थान संस्थान प्रबंधन समिति के सदस्य भी हैं।

जिला जज की अदालत में दो आवेदनों में अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा और माथुर चतुर्वेदी परिषद ने कटेश केशव देव मंदिर के भीतर बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की याचिका की निंदा करते हुए तर्क दिया कि ‘मुद्दा शहर में सांप्रदायिक अशांति पैदा कर सकता है। दूसरी ओर शहर में हिंदूवादी नेता माने जाने वाले गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने कहा है कि माथुर चतुर्वेद परिषद और तीर्थ पुरोहित महासंघ सामाजिक संस्थाएं हैं उनका श्री कृष्ण जन्मस्थान प्रकरण से कोई लेना देना नहीं है। ऐसे में उनकी ओर से याचिका दायर करना बेवजह मामले को उलझाने वाला है।

मुकदमे के संबंध में गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि जिला न्यायालय और हाईकोर्ट यह सिद्ध कर चुका है कि जिन लोगों ने पूर्व में समझौता किया था, उन्हें समझौते का अधिकार ही नहीं था। ईदगाह की जमीन का स्वामित्व हर मुकदमे में श्रीकृष्ण जन्म स्थान ट्रस्ट का ही रहा है। मस्जिद तो कहीं भी बन सकती है लेकिन जन्मभूमि का स्थान नहीं बदल सकता। मस्जिद कोई भी, कहीं भी बनाए हमें कोई आपत्ति नहीं है। क्योंकि यह मुकदमा अवैध कब्जे से संबंधित है। शांति सौहार्द के लिए सबसे बेहतर है यह है कि मस्जिद को किसी अन्य जगह ले जाया जाए।

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