राजकीय संग्रहालय में बन रहीं ब्रज के महान संतों की मूर्तियां

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मथुरा। ऐतिहासिक मूर्ति कला को पुनः जीवित करने के उद्देश्य से राजकीय संग्रहालय, मथुरा एवं उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद्, मथुरा के संयुक्त तत्वावधान में दसदिवसीय मूर्ति कला शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देश के जाने माने मूर्ति कला शिल्पी मथुरा में दस दिनों तक रह कर यहां के संत-महात्माओं की मूर्तियों को मूर्तरूप प्रदान करेंगे। राजकीय संग्रहालय के सभागार में मूर्तिकला शिविर का शुभारम्भ मुख्य अतिथि सांसद हेमा मालिनी ने किया।


मूर्ति कला शिविर का शुभारम्भ वीणा वादिनी मां सरस्वती के चित्रपट पर मार्ल्यापण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। इस अवसर पर सभी कलाकारों का मुख्य अतिथि सांसद हेमा मालिनी, ब्रज तीर्थ विकास परिषद् के उपाध्यक्ष शैलजाकान्त मिश्र व मुख्य कार्यपालक अधिकारी नगेन्द्र प्रताप द्वारा किया गया। सभी अतिथियों का स्वागत सम्मान राजकीय संग्रहालय के उप निदेशक डॉ. यशवन्त सिंह राठौर ने पटुका औढ़ाकर व राधाकृष्ण की प्रतिमा भेंटकर किया।
इस अवसर पर सांसद हेमामालिनी ने कहा कि मुझे आज शिल्पकारों के बीच आकर बहुत अच्छा लगा, मुथरा वृन्दावन श्रीकृष्ण की नगरी है, भगवान श्री कृष्ण सोलह कलाओं में सम्पूर्ण हैं, वह हर कला में निपुण हैं, उन्हें डांस, म्युजिक, वाद्य यंत्र तथा पेंन्टिग आदि कलाओं की वजह से भी जाना जाता है, ऐसी भगवान श्रीकृष्ण की नगरी में बहुत सारे कलाकारों को मैं देखती हूं व जानती भी हूं जो कि हमारे ब्रज में अपनी कला के कारण पहचाने जाते हैं जिसमें संगीत, नृत्य, लोक नृत्य, लोक बाध्य, लोक संगीत, ब्रज भाषा, ब्रज की अलग-अलग बहुत सारी विद्याएं हैं, जिसके कारण यह सब कलाकार पूरे देश ही नहीं विदेशों तक में पहचाने जाते हैं।


उन्होंने कहा कि मथुरा संग्रहालय की कला को देखने का मुझे बहुत शौक था, जो कि एक बहुत ही पुरातन व प्रचीन काल की कला है, यहां की मूर्तियों का रख रखाव अच्छे से किया जा रहा है। यहां विदेशों से भी लोग मूर्तियां देखने आते हैं, प्राचीन काल की एतिहासिक मूर्तियां जो यहां मौजूद हैं वह विदेशियों को भी आकर्षित करती हैं, इस प्रकार की मूर्तियां कहीं और देखने को नही मिलेंगी। मूर्ति कला को पुनः विकसित करने के उद्देश्य से यहां दस दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है जो एक सराहनीय कार्य है, उन्होंने कहा कि मैं भी बच्चां के साथ बैठ कर छोटे-छोटे खेल खिलोने क्ले मिट्टी से बनाती हूं, मैं कोशिश करके बच्चां को मूर्ति बनाना सिखाती हूं, मैं छोटा सा पक्षी व गणपति बनाने का प्रयास करती हूं। मैं यहां मूर्ति बना रहे कलाकारों के साथ बैठ कर इनकी कला को देखने की कोशिश करुगी, मैं भी यह कला सीखना चाहती हूं।
उन्होंने कहा कि यहां पुरानी शिल्पकला को नये तरीके से फाइबर पर उतारने का कार्य किया जायेगा यह योजना बहुत ही सराहनीय है, हम सालों तक इस कला को जीवन्त रख सकेंगे, इससे आने वाली पीढी़ व नवोदित कलाकार भी इसका लाभ उठा पायेंगे और कलाकारों की आमदनी का जरिया भी बन सकता है।
सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि मुझे खुशी है कि यहाँ पर कलाकार चैतन्य महाप्रभु, बल्लभाचार्य, मीरा बाई, स्वामी हरिदास के साथ-साथ यहां के संतों की मूर्तियां बनायेंगे, जिन्होंने वृन्दावन में आकर कृष्ण भक्ति की, साधना की तथा अपनी रचनाओं, कविताओं से अपना पूरा जीवन यहां के लिए समर्पित कर दिया। ऐसे महान संतों की यहां पर मूर्तियों बन रही है जो कि ब्रज क्षेत्र में जगह-जगह रखी जायेंगी तथा इन्हें बनाने वाले कलाकारों के योगदान को भी हमेशा-हमेशा याद किया जाता रहेगा।
उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि ब्रज तीर्थ विकास परिषद् ने ब्रज के बहुत सारे तीर्थ स्थलों का विकास कराया है आप सभी वहां जाकर देखिये तथा अपना अपना सुझाव भी दीजिए कि शिल्पकारी का और कौन कौन सा कार्य हो सकता है युवाओं की एक अलग सोच होती है उससे हम सभी लाभान्वित होना चाहेंगे।
इस अवसर पर अमरनाथ गर्ल्स डिग्री कॉलेज, केआर गर्ल्स डिग्री कॉलेज, डीपीएस रिफाइनरी, केन्द्रीय विद्यालय रिफाइनरी के छात्र-छात्राओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।

निवर्तमान पार्षद राजेश सिंह पिंटू ने अपने क्षेत्र में आने पर सांसद हेमा मालिनी का सम्मान किया। साथ ही स्थानीय समस्याओं की ओर भी सांसद का ध्यान आकृष्ट कराया।

समाजसेवी दीपक गोयल, रमनलाल शोरा वाला पब्लिक स्कूल के संस्थापक वीरेन्द्र गोयल, पार्षद भाजपा नेता संजय गोविल आदि की प्रमुख रूप से उपस्थिति रही। कार्यक्रम के अन्त में सभी आगंतुकों का आभार राजकीय संग्रहालय के उप निदेशक डॉ. यशवन्त सिह राठौर ने किया तथा कार्यक्रम का संचालन डॉ. सीमा मोरवाल ने किया।

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