मथुरा। पंचकुंडीय शस्त्र कुंडली महायज्ञ के पांचवें दिन मंत्रोच्चार के साथ हवन पूजन हुआ। कैंट स्थित मां काली देवी सिद्ध पीठ पर गुप्त नवरात्रि में आयोजित सहस्त्र चंडी पंच कुंड आत्मक यज्ञ का आयोजन मंदिर महंत पीठाधीश दिनेश चौबे के नेतृत्व एवं यज्ञ आचार्य देवदत्त शास्त्री के सानिध्य में हो रहा है।
महायज्ञ में नित्य प्रति स्थापित 5 पीठों का पूजन एवं कुंड मंडलों का पूजन एवं वैदिक मंगलाचरण के साथ आरंभ होता है, जिसमें यज्ञ आचार्य जी के साथ पधारे कुंज किशोर, रमेश संवेदी, गणेश प्रसाद एवं अन्य विद्वानों के समवेत स्वरों से होता है। वहीं ब्रह्म स्थल पर विराजमान पंडित श्रीकांत बाबाजी श्रीजी पीठ तथा अनिल चतुर्वेदी द्वारा श्रीमद् देवीभागवत का मूल पारायण सस्वर पारायण हो रहा है। इसी क्रम में दैनिक रूप से मां का सांगोपांग अभिषेक वैधानिक मंदिर के महंतजी द्वारा होता है। यह अलौकिक क्षण दर्शनीय है। तदुपरांत मंदिर के अंतर प्रांगण में विराजमान 45 ब्राह्मणों द्वारा सस्वर श्री दुर्गा सप्तशती का सस्वर पाठ आत्म विभोर कर देता है। पीठों से संलग्न कुंड हैं जिसमें योनि कुंड प्रधान है। पद्म कुंड, अर्धचंद्र कुंड, चतुर कुंड निर्माण पूर्व विधि के अनुसार हुआ है, इसमें आवाहित देवों के मंत्रों से एवं दुर्गा सप्तशती के मंत्रों से विश्व शांति एवं सभी की अभीष्ट प्राप्ति के लिए आहुति प्रधान की जाती है। गुरुवार को छठ मां कात्यानी का दिवस है, कात्यानी मां का अभी भाग स्थल वेज का ही है। इसकी आराधना करके ही गोपियों को अपने अभीष्ट परमात्मा श्रीकृष्ण की प्राप्ति हुई थी। आज का दिवस मां काली के पूर्व विग्रह का है जो कि हमारे दूर सर्वांत का समन कर हमें नवीन चेतना प्रदान करती है। इस अवसर मां मुक्त हस्त अपने भक्तों की सभी मनोकामना को पूर्ण करती हैं। अतः इस दिन में एक भी दिन जो भक्त मां की शरण में आ जाता है, मां उस का कल्याण करती है। पौराणिक जल के नेतृत्व का भाग पुरुषोत्तम शास्त्री, बालकृष्ण शास्त्री, कपिल देव शास्त्री आदि आहुति में यजमान नीलम सोलंकी-बलवीर सिंह सोलंकी, राधा शर्मा, रवि दत्त शर्मा, नीलम, वंदना, प्रिया शर्मा, पिंकी बंसल, डॉक्टर दीपक तिवारी, ज्योति तिवारी, रेनू कपूर, संतोष कपूर आदि यजमानों द्वारा आहुति प्रदान की जा रही है।