मथुरा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अन्नदाता की आमदनी बढ़ाने के लिए दुग्ध के साथ साथ दुग्ध से बने उत्पादों को भी बढ़ावा दिया जाना होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय नस्ल के गोवंश के संरक्षण को जनांदोलन बनाना होगा। खारे पानी और नमकीन मिट्टी का समाधान केवल बारिश के जल का संरक्षण करना है। वृंदावन में इस्कॉन द्वारा बनाए श्रीकृष्ण बलराम मंदिर और दुग्ध प्रसंस्करण केंद्र का उद्घाटन कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इस्कॉन द्वारा स्थापित दुग्ध प्रसंस्करण केंद्र वेटरिनरी विवि के साथ मिलकर काम करेगा, तो उसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे।
बुधवार को गांव आझई स्थित इस्कॉन गुरुकुल के इस कार्यक्रम में संबोधन करते हुए सीएम योगी ने वृंदावन इस्कॉन के अध्यक्ष पंचगौड़ दास को इस आयोजन के लिए बधाई थी। सीएम ने कहा कि यह ब्रज क्षेत्र एक साथ पांच हजार साल से उसी श्रद्धा के साथ जुड़ा हुआ है। जहां से बांकेबहारी, भगवान श्रीकृष्ण राधारानी का दर्शन पूरे देशवासियों को होता है, वहां पर भगवान श्रीकृष्ण और दाऊजी का भव्य मंदिर बनाया जा रहा है। हरे कृष्णा मूवमेंट और श्रीमदभगवद गीता का प्रचार करने और गीता के सही भाव को, ज्ञान भक्त के भाव को आपके सामने लाने के कार्य में स्वामी श्रील प्रभुपाद के अनुयायी लगे हुए हैं। श्रील प्रभुपाद ने दुनिया में 108 मंदिर स्वामी ने बनाए, आज सैकड़ों मंदिर देश विदेश में हैं। 1976 में जिस गुरुकुल की स्थापना हुई थी, यहां कुशलता पूर्वक संचालित हो रहा है। यहां पर गोवंश का भी संरक्षण होगा। हमें अपने अन्नदाता किसानों की आमदनी बढ़ानी है तो दुग्ध उत्पादन के साथ साथ दुग्ध से बने उत्पादों को बढ़ाना होगा। देश का दीनदयाल उपाध्याय वेटरिनरी विवि बहुत अच्छा कार्य कर रही है। हम सहभागिता योजना के अंतर्गत गोवंश के लिए हर परिवार को 900 रुपये दे रहे हैं। लेकिन गोवंश संरक्षण को जनांदोलन बनाना होगा। भारतीय नस्ल का गोवंश सुरक्षित रहे। इसका संरक्षण करने के लिए वेटरिनरी विवि के प्रयासों में सहभागी बनना होगा। दुग्ध समितियों का गठन करना होगा। दूध डेयरी तक पहुंचे, जितनी खपत है, उसके सापेक्ष प्रयोग हो, क्योंकि दुध का 12 से 24 घंटे तक स्टोर करना कठिन होता है। यदि किसान की आमदनी को बढ़ाना है तो दुग्ध उत्पादनों पर जोर देना होगा। इस्कॉन द्वारा स्थापित दुग्ध प्रसंस्करण केंद्र वेटरिनरी विवि के साथ मिलकर काम करेगा। यह धरती तो वैसे ही भगवान की धरती है। भारत से गए सन्यासियों ने वैश्विक मंच पर भारत की पहचान बनाई। इस्कॉन जैसी संस्थाओं ने विदेश में जो भारत की छवि बनाई, वह अनुकरणीय है। मैं श्रील प्रभुपादजी की सेवाओं को नमन करता हूं। यहां खारा पानी, मिट्टी नमकीन है, उसका समाधान क्या। समाधान बरसात के जल का संरक्षण करना है। भारतीय नस्ल के गोवंश का संरक्षण करना होगा। आज गाय केवल दूध देने तक ही सीमित नहीं है। जहां फर्टिलाइजर, केमिकल का प्रयोग सबसे ज्यादा हुआ, वहां पर लगातार बारिश से नुकसान हुआ। लेकिन जहां पर प्रगतिशील किसानों ने प्राकृतिक खाद का प्रयोग किया, वहां बहुत अच्छी बारिश हुई, जिससे उत्पादन बढ़ा। आज गोबर से सीएनजी भी बन रही है। बदायूं में भारतीय नस्ल के गोबर से पेंट का निर्माण हो रहा है। भारत के अंदर गोवंश के गोबर को शुद्ध माना जाता है। गोबर से पेंट बनेगा तो उससे शुद्धता आएगी। प्राकृतिक कृषि बोर्ड के लिए कदम उठा रहे हैं। इससे हर संस्था को जुड़ना चाहिए। हमें न केवल आस्था का सम्मान करना है, बल्कि आम आदमी के जीवन को भी बेहतर करना है। यदि इस्कॉन जैसी संस्थाएं अपने परिसर में इस प्रकार के कार्यों को करेंगी तो उसके अच्छे परिणाम सामने आएंगे। दुग्ध समितियों को इस्कॉन के कार्यक्रम के साथ जोड़ने का कार्य होगा तो प्रयास सार्थक होगा। पशुपालकों और अन्नदाताओं की आमदनी को कई गुना बढ़ा सकती है। मैं राज्य सरकार की ओर से आश्वस्त करता हूं कि आपको सहयोग मिलेगा। आज मैं जिस कार्यक्रम में आया था, उसे भारतीय फिल्म जगत की अभिनेत्री और धर्म आध्यात्म के हर मंच पर सहभागिता करने वाली हमारी सांसद हेमामालिनी प्रस्तुत करने वाली थीं। सीएम ने कार्यक्रम के लिए हेमामालिनी को बधाई और शुभकामनाएं दीं। पहले जवाहरबाग की पहचान क्या थी, लेकिन अच्छे लोग आएंगे तो अच्छे कार्य करेंगे। इससे पहले इस्कॉन के अध्यक्ष गोपालकृष्ण गोस्वामी ने भी संबोधन दिया।
गंगा की तरह यमुना शुद्धिकरण की भी तैयारी है-हेमामालिनी
सांसद हेमामालिनी ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे उप्र के मुख्यमंत्री ने देश में प्रदेश को एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। यमुना शुद्धिकरण को लेकर मैंने कई बार मुख्यमंत्री से निवेदन किया है। गंगा की तरह यमुना की शुद्धिकरण की तैयारी है।
उन्होंने कहा कि इस्कॉन से मेरा पुराना जुड़ाव रहा है। इस्कॉन के सदस्यों के साथ में पहली बार जब मथुरा आयी थी, तब देशविदेश के लोग हमारे साथ थे। उस समय ब्रज मंडल के कई स्थानों और उनका महत्व बताया। भगवान की लीलाओं के चिन्ह देखकर मैं विस्मृत हुई थी और उसे मैंने गानों के माध्यम से कई स्टेज पर दिखाया। उन्होंने इस्कॉन पदाधिकारी की प्रशंसा की, कि 70 साल की उम्र में अमेरिका जाकर श्रीकृष्ण की भक्ति का प्रचार किया। सांसद ने कहा कि मैं देश विदेश में परफॉर्म करती हूं तो पूछती हूं कि यहां इस्कान का मंदिर है क्या। फिर वहां जाकर कुछ समय गुजारती हूं। कल मैं रास महोत्सव में महारास प्रस्तुत करने वाली थी, लेकिन ग्रहण की वजह से हो नहीं सका। लेकिन मैं मुख्यमंत्री का बहुत आभार जताती हूं कि वे हिमाचल से कार्यक्रम के लिए आए। सांसद ने निराशा जाहिर की कि केवल वहीं बारिश हुई, जहां मेरा कार्यक्रम होने वाला था, लेकिन हम भी नहीं छोड़ेंगे। आज मेरा कार्यक्रम वहीं होगा। उन्होंने कहा कि जितने भी बच्चे इस गुरुकुल में पढ़ रहे हैं, वे आगे चलकर देश में बड़ा नाम करेंगे। हरे कृष्णा हरे रामा के जयकारे के साथ संबोधन समाप्त किया।