ग्रहण का प्रभाव….
एक पखवाड़े में दो ग्रहण निश्चित ही अपने अच्छे – – बुरे प्रभाव मानव जीवन पर डालते हैं ।
श्री कार्त्तवीर्य नक्षत्र ज्योतिष संस्थान के संस्थापक
हाथरस। ग्रहण की छाया का बड़ा प्रभाव होता है। बीते सूर्य ग्रहण की छाया का संकेत है देश के सर्वोच्च पद पर आसीन व्यक्तित्व के कार्यकाल पर संकट के साथ पाक पीओके पर भी हो सकती बड़ी घटना। जबकि अमेरिका के लिए भी चंद्र ग्रहण हो सकता है भारी।
आचार्य विनोद शास्त्री के अनुसार यह दोनों ग्रहण प्रकाश पर्व दीपावली अथवा देव दीपावली पर पड़ रहे हैं । यदि हम सूर्य ग्रहण की छाया एवं चंद्र ग्रहण की छाया का विश्लेषण करें तो इसके प्रभाव से ऊर्जा से संबंधित पश्चिमी देशों पर अधिक रहेगा, अर्थात ऊर्जा (बिजली अर्थात कोयला, गैस आदि) संकट पश्चिमी देशों पर देखी जा सकेगी।
जिस प्रकार पिछले सूर्य ग्रहण की जिस प्रकार छाया पड़ी उसके प्रभाव से हमारे देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संभवत अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगी। तथा भारतीय जनता पार्टी शासित दो या तीन राज्यों में मुख्यमंत्रियों को भी बदलने के संकेत मिल रहे हैं।
जिस प्रकार से छाया पाकिस्तान से होकर चली और पश्चिमी देशों तक गई उसके प्रभाव से पाकिस्तान की सीमा पाकिस्तान अधिक अधिकृत कश्मीर (pok) की सीमा तथा डूरंड लाइन पर कोई भी घटना घट सकती है,
या तो अफगानिस्तान के आतंकवादी डूरंड लाइन को क्रॉस कर पाकिस्तानी क्षेत्र पर कब्जा करेंगे या भारतीय सेना पीओके पर अपना कब्जा करेगी तथा पाकिस्तान में बहुत ही उथल- पुथल भरी राजनीतिक होती रहेगी तथा चंद्र ग्रहण के प्रभाव से भी पश्चिमी देशों में अर्थात यूरोप मे घोर अंधकार तथा ऊर्जा संकट रहेगा वही अगर इन ग्रहों का युद्ध का प्रभाव देखें तो अमेरिका यूक्रेन युद्ध को विश्व युद्ध में परिवर्तित कर देगा जिसमें नाटो सहित अमेरिका को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा! उक्त सभी का प्रभाव आपको 2023, 2024 तथा 2025 में देखने को मिलेगा ।
साल का अंतिम ग्रहण आज
– सूर्योदय से ही लगेंगे सूतक
हाथरस। इस वर्ष 2022 का अंतिम ग्रहण कार्तिक शुक्ल पूर्णमासी , दिनांक 08 नवंबर दिन मंगलवार की सायंकाल 5 बजकर 53 मिनट से आरंभ होकर 06:03 पर चंद्रोदय के साथ 6:19 तक हाथरस सहित अन्य आसपास के नगरों में भी विरल छाया के रूप में दिखाई देगा और इसके उपरांत चंद्र ग्रहण का मोक्ष हो जाएगा। जबकि भारतीय समयानुसार 7:26 तक अन्य देशों में भी दिखाई देगा। कुल मिलाकर चंद्र ग्रहण मात्र 19 मिनट हमारे भारत में इसकी बिरल छाया दिखाई देगी।
ग्रहण पर्वकाल–
अपने स्थानीय समय से 19 मिनट का पर्वकाल हैl
मनु महाराज व आचार्य विनोद शास्त्री का संयुक्त रूप से कहना है कि
ग्रहण सूतक ( वेध) काल….
यह ग्रहण ग्रस्तोदित है इसलिये मंगलवार 8 नवम्बर के सूर्योदय से मोक्षकाल तक ( सायं 6.19) ग्रहण का सूतक काल है। बाल, वृध्द, अशक्त, बीमार व्यक्ती तथा गर्भवती इन के लिये 11 बजे से सूतक काल है। सूतक काल में केवल भोजन वर्ज्य है। सूतक काल में देव पूजा, कुलधर्म, कुलाचार पूजन, श्राद्ध विधि आदि तथा जलपान, निद्रा, मल-मूत्रविसर्जन, कर सकते हैं। मात्र सूर्यास्त से मोक्ष तक ऐसा कौई सा भी कृत्य नहीं कर सकते ऐसा धर्मशास्त्र वचन है। सायं ६.१९ के बाद मोक्ष स्नान करके भोजन आदि सभी कर्म कर सकते है l
तुलसी विवाह…
मंगलवार, 08 नवम्बर, पूर्णिमा के दिन तुलसी विवाह समाप्ती है l सायं ६.१९ के बाद मोक्ष स्नान करके तुलसी विवाह कर सकते है l
कार्तिक स्वामी दर्शन नहीं…
इस वर्ष कार्तिक पौर्णिमा और कृत्तिका नक्षत्र का एकत्रित योग नहीं है, अत: इस वर्ष कार्तिक स्वामी दर्शन का विशेष योग नहीं है l