रिचा शर्मा
मथुरा। वृंदावन के याचिकाकर्ता महंत मधुमंगल शुक्ला ने केबिनेट सचिव, भारत सरकार दिल्ली को पत्र भेज मांग की है कि 370 वर्ष पुराना ताजमहल को विश्व विरासत घोषित किया जबकि वृन्दावन 5000 से अधिक पुरातन है ऐसे क्यों नहीं?
भारतीय विरासत, भारत एक संस्कृति एवं विरासत प्रधान देश हैं और पूरी दुनिया मे अपनी संस्कृति तथा विरासतो के लिए प्रसिद्ध हैं। यही कारण हैं, जिनकी वजह से सारा विश्व में भारत की अनूठी मिसाल है।
भारत कि विरासत एक प्रकार से सांस्कृतिक विकास हैं। भारतीय विरासत एक ऐतिहासिक हैं, जो संस्कृति हमें हमारे पूर्वजो द्वारा प्रदान हैं, वह भी हमारी बिरासत हैं। उसे सहेजकर रखना हमारा कर्तव्य ही नहीं दायित्व है।
व्रज वृन्दावन में इंच इंच भूमि विरासत है, विश्व के विद्वानों, खोजी, व जिज्ञासुओं के लिए सदियों से आकर्षक का केंद्र रहा है। उसका कारण सिध्द महापुरुषों का भक्तिपरक हो साधना करना, प्रत्येक शतक वर्ष में गुप्त रूप से जगत कल्याण हेतु अनेकों दिव्यात्मा तप करती रही है, व्रजवासियों की वाणी में उल्लेख है कि वृन्दावन के वृक्ष भी प्रिया प्रीतम जी की साधना में रत रहते है।
विश्व नायक प्रत्येक सनातनियों के ब्रह्मांड नायक श्रीकृष्ण के लीलास्थल प्रशासन विरासत नहीं मानता है, जब कि मुगल कालीन ताजमहल जैसी बिल्डिंग्स को विरासत का दर्जा प्राप्त है क्यों?
विरासत की श्रेणी के क्या मानक है स्प्ष्ट करें? ब्रज को क्यों नहीं?
व्रज की परम्पराओं को विरासत का दर्जा प्राप्त हो।