मथुरा। बिजली विभाग में सक्रिय रहने को ठेकेदार नुकसान में भी टेंडर लेकर कार्य कर रहे हैं। इससे अन्य ठेकेदार टेंशन में हैं। अधिकारी खुश इसीलिए हैं कि कम रेट पर टेंडर लेकर विभाग का पैसा बचा लिया गया। ऐसे में कार्य की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हो सकते हैं।
पिछले दिनों बिजली विभाग में किसी कार्य को लेकर करीब 16 लाख का टेंडर निकला। इसमें कई ठेकेदार ने टेंडर डाला। एक ठेकेदार ने इस टेंडर को लेने के लिए छह लाख का टेंडर डाला जोकि उसी को मिला। इतने कम रेट पर टेंडर डाल कर पा लेना विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके अलावा तीन-चार अन्य टेंडरों में भी निर्धारित रेट से कम रेट डालकर टेंडर लिए गए। कुछ ठेकेदारों का कहना है कि यह ठीक नहीं है। भविष्य में इससे परेशानी हो सकती है। रेट बिगड़ सकते हैं। समस्या बताई गई कि ठेकेदारों के लेबर मंथली है। उनको भुगतान प्रतिमाह करना पड़ता है। काम कम निकल रहे हैं। ऐसे में जो भी जिस रेट में मिल जाए कुछ खर्चा तो बचेगा। अधिक रेट वाले टेंडरों में ऊपरी खर्चा भी करना पड़ता है जोकि कम रेट वाले टेंडर में संभव नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि ऑन लाइन टेंडर प्रक्रिया है। कम रेट वाले ठेकेदार को टेंडर देना पड़ता है। सभी नियमानुसार कार्य हो रहे हैं।