अधिवक्ता की हत्या में पांच लोगों को आजीवन कारावास

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मथुरा। वृंदावन कोतवाली क्षेत्र में हुई अधिवक्ता की हत्या के मामले में एडीजे तीन संजय कुमार तृतीय की अदालत ने पांच अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इनमें एक अभियुक्त गिरफ्तारी के बाद से ही जेल में है। शासन की ओर से इस मामले की पैरवी सहायक शासकीय अधिवक्ता भीष्मदत्त तौमर द्वारा की गई।
रामनगर वृंदावन निवासी अधिवक्ता रामगोपाल सिंह अपने पुत्र हेमंत सिंह के साथ 26 अक्तूबर 2017 की रात साढ़े नौ बजे अपने घर के बाहर टहल रहे थे। तभी आधा दर्जन हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। एक गोली रामगोपाल को लगी और वह वहीं गिर गए। उन्हें इलाज के लिए नयति अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हत्या की रिपोर्ट अधिवक्ता के पुत्र हेमंत ने नंदलाल, कन्नू उर्फ वीरेन्द्र पुत्रगण देवी सिंह, गोविंद पुत्र शरण, रिंकू पुत्र राम, रूपा पुत्र सुखीराम सभी निवासी राजपुर वृंदावन के खिलाफ दर्ज कराई थी।
पुलिस ने सभी नामजदों को गिरफ्तार कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रषित किया। मामले की सुनवाई एडीजे तीन संजय कुमार तृतीय की अदालत में हुई। अदालत ने सभी नामजदों को अधिवक्ता राम गोपाल की हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने चार अभियुक्तों पर 17-17 हजार रूपये और गोविंदा पर 18 हजार रूपये का अर्थदण्ड लगाया है। एडीजीसी भीष्मदत्त तौमर ने बताया कि चार आरोपी जमानत पर थे और एक गिरफ्तारी के बाद से ही जेल में है। अदालत ने जमानत पर चल रहे सभी अभियुक्तों का सजाई वारंट बना कर उन्हें जेल भेज दिया।

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