मथुरा। सांसद हेमामालिनी ने मथुरा जिला महिला अस्पताल में उनकी निधि से बनाए गए पीकू वार्ड में कराए गए अधोमानक कार्य और उन पर स्वास्थ्य विभाग की लीपापोती पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। सांसद ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर घोटाले का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से इस मामले की जांच एक सप्ताह में कराकर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है।
मथुरा डीएम को भेजे अपने पत्र में सांसद हेमामालिनी ने अवगत कराया है कि सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अन्तर्गत मेरी संस्तुति के क्रम में आपके द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मथुरा को जिला महिला चिकित्सालय, मथुरा में सघन बाल रोग चिकित्सा इकाई (पीकू) कोविड-19 की स्थापना का कार्य के लिए 43.82391 लाख रुपये की धनराशि की स्वीकृति प्रदान करते हुए सम्पूर्ण धनराशि मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मथुरा को अवमुक्त की गयी थी।
पत्र में सांसद ने अवगत कराया कि उक्त कार्य कोविड की तृतीय लहर को दृष्टिगत रखते हुए 14 अगस्त 2021 को स्वीकृत हुआ था, तथा यह कार्य छोटे बच्चो को कोविड से बचाने के लिए आईसीयू के रूप में कार्य करने के लिए स्थापित कराने की धनराशि उपलब्ध करायी गयी थी, जोकि आज तक लगभग 1 वर्ष में भी पूर्ण नहीं कराया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मथुरा द्वारा मेरी संस्तुति तथा प्राक्कलन के अनुसार कार्य नहीं कराया गया है जिसकी शिकायत मेरे द्वारा मौखिक रूप से एवं लिखित रूप से तथा बैठक में भी की गयी थी, लेकिन विभाग द्वारा मेरे 43.82391 लाख रुपये की धनराशि के दुरूपयोग की मंशा से प्रकरण को डायवर्ड किया जा रहा है। कभी कहा जाता है कि वार्ड में एसी नहीं लगे है तथा कभी कहा जाता है कि वार्ड के पीछे बाउण्ड्रीवाल टूटी है, जिसे ठीक कराया जाय। जहां तक एसी का प्रश्न है तो क्या मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मथुरा द्वारा आईसीयू वार्ड विना एसी के चला रहे है। यदि वास्तव में एसी की समस्या थी तो सांसद निधि से स्वीकृत कार्य से पूर्व बात क्यों नहीं की गयी, वैसे भी सांसद निधि में एसी अनुमन्य नहीं है।
सांसद ने यह भी कहा कि सहायक अभियन्ता, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, मथुरा द्वारा इस कार्य का 05 अप्रैल 2022 को मौके पर स्थलीय निरीक्षण किया गया था, जिसमें उनकी जांच आख्या के अनुसार पाया गया कि वेन्टीलेटर मानक के अनुसार स्थापित नहीं कराये गये है। वेन्टीलेटर के स्थान पर किसी प्रकार की देशी व्यवस्था बनाकर की गयी है, इसी प्रकार 20 पीकू बैड क्रय किये जाने का प्राविधान था किन्तु साधारण बैड लिये गये हैं। कन्जूमेबल सामग्री (पीकू) वार्ड में नहीं पायी गयी, जांच आख्या के अनुसार प्राक्कलन में फ्लोर स्प्रिंग लगाने का प्राविधान था किन्तु मौके पर उसका कार्य नहीं कराया गया है। एलमोनियम का कार्य गुणवत्ता पूर्वक सम्पादित नहीं किया गया है। प्राक्कलन में ब्रिक वर्क, आरसीसी एवं विट्रीफाइड टाइल्स लगाने का कार्य भी प्राक्कलन में प्राविधानित है, किन्तु मौके पर इस प्रकार कोई कार्य नहीं पाया गया।
सांसद ने कहा कि सहायक अभियन्ता द्वारा अपनी जांच आख्या आपको उपलब्ध करा दी गयी थी, लेकिन कार्यदायी संस्था मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मथुरा के विरुद्ध जांच आख्या के अनुसार आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे ऐसा लगता है कि इसमें और कई अधिकारी इस घोटाले में शामिल है, जो मेरी निधि के पैसे को हड़पना चाहते है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी मथुरा के इस कृत्य के कारण मेरी वर्ष 2022-23 की धनराशि की किश्त प्राप्त करने में परेशानी होगी।
हेमामालिनी ने डीएम को निर्देश दिए है कि उक्त प्रकरण की जांच एक सप्ताह के अन्दर कराकर दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई अमल में लायी जाए।