पिंटू उपाध्याय
मथुरा। कोसीकला के नजदीकी गाँव मे अपने घरेलू सामान लेकर लौट रहे पत्रकार को बुरी तरह लाठी डंडों से मारपीट कर दी। बाद में पत्रकार को मरणासन समझ कर हमलावर भाग निकले।
कोसी के गाँव जॉब निवासी सुरेश उपमन्यु पत्रकार गाँव से घर का सामान लेकर नन्दगाँव से लोट रहे थे तभी दो गाड़ियों भरकर आये युवकों ने उन पर हमला कर दिया ओर उन्हें मरणासन्न हालत में छोड़ कर चले गए। राहगीरो की मदद से उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जैसे ही इसकी सूचना लोगो को और अन्य पत्रकारों को पता चली तुरन्त हॉस्पिटल पहुचे ओर हमलावरोंकी गिरफ्तारी की मांग करने लगे। वही पुलिस प्रशासन के खिलाफ भी तरह तरह से रोष व्यक्त किया।
लोगों का कहना है कि कुछ समय से उन्हें धमकी मिल रही थी। आज से एक सप्ताह पहले सुरेश उपमन्यु ने कुछ नामजद लोगो के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने वालो के खिलाफ तहरीर दी थी । लेकिन उस पर कोई भी कार्यबाही नही हुई। जिसको लेकर भी पत्रकारों में भारी रोष उतपन्न हो गया और पुलिस पर सवालिया निशान खड़े होने लगे और गम्भीर आरोप लगने लगे। जब इसकी सूचना नेताओ को मिली वो तुरन्त पहुच गए, वही नरदेव चोधरी ने सुरेश उपमन्यु पर हमला करने वाले लोगो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही। कोसी पालिका चेयरमैन ने कहा कि जब एक सप्ताह पहले ही उन्होंने धमकी का हवाला देते लिखित शिकायत की तो अभी तक कार्यबाही क्यो नही हो सकी। जब सरकार में पत्रकार ही सुरक्षित नही है तो आम लोगो का क्या होगा। भाजपा नेता दिगम्बर सिंह भी छाता से पहुचे, उन्होंने जल्द ही गिरफ्तारी की बात कहते हुए पत्रकारों को मदद का आश्वासन दिया। तमाम ग्रामीण व सामाजिक लोगो ने मौके पर पहुचकर विरोध करते रहे वही कोसी पुलिस भी कार्यबाही में जुट गई है।
लोगो का कहना है अगर पुलिस पहले ही कार्यबाही करती तो आज ये घटना नहीं होती। सुरेश उपमन्यु ने अपनी कलम के माध्यम से आईपीएल में सट्टा लगाने वाले युवकों की बर्बादी और सटोरियों के नाम सहित खबर प्रकाशित करने को लेकर एक मुहिम चला रखी थी। जिसमे बहुत युवाओं को इस खेल से बचाया गया लेकिन खबरों को नही चलाने के लिये सुरेश उपमन्यु को सटोरियों की ओर से तरह तरह लोभ और धमकी बराबर मिल रही थी। जिसकी शिकायत भी की थी लेकिन उस तहरीर पर कोई ठोस कार्यबाही होती तो सुरेश उपमन्यु की ये हालत नही होती।
फिलाल सुरेश उपमन्यु को चिकित्सको ने बाहर रेफर कर दिया है।