स्कूल की दहलीज से दूर रह गये 139 शिक्षक, रोड जाम कर जताया आक्रोश

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मथुरा। 31277 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया के अन्तर्गत जनपद में विद्यालय आवंटन के लिये शुक्रवार को हुई काउंसलिंग में 139 शिक्षकों को चयन समिति द्वारा रोक दिया गया। इससे आक्रोशित शिक्षकों ने धौलीप्याऊ स्थित बीएसए कार्यालय के बाहर सड़क जाम कर दी। नवचयनित शिक्षकों के रुख को देखते हुए बीएसए ने पुलिस बुला ली। करीब आधे घंटे की मशक्कत और विभागीय अधिकारियों के आश्वासन के बाद अभ्यर्थी सड़क से हटे लेकिन बीएसए कार्यालय पर देर तक हंगामा होता रहा। इस बीच चयन समिति के सदस्यों ने पात्र दिव्यांग व महिला शिक्षकों की काउंसलिंग सम्पन्न करवाई। इस सम्बन्ध में बीएसए वीरपाल सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देशों के क्रम में दस्तावेजों में गड़बड़ी होने पर इन अभ्यर्थियों को विद्यालय आवंटन की प्रक्रिया से बाहर रखा गया है। इनकी सूची परिषद कार्यालय को भेजी जा रही है, उच्चाधिकारियों के निर्देश के मुताबिक ही आगे की कार्यवाही की जाएगी। काउंसलिंग से बाहर किये गए शिक्षकों का आरोप है कि छोटी-मोटी त्रुटि पर उन्हें परेशान किया जा रहा है। अब बाद में उनकी काउंसलिंग होती भी है तो उन्हें मनचाहे विद्यालय की जगह शेष बचे विद्यालय से ही संतोष करना पड़ेगा। काउंसलिंग में डायट प्राचार्य महेन्द्र कुमार सिंह व अन्य सदस्य मौजूद रहे।

विद्यालय आवंटन में अनियमितता का आरोप
पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ ने विद्यालय आवंटन में मनमानी का आरोप लगाते हुए चयन समिति को आपत्ति दर्ज करवाई है। संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष देवेन्द्र सारस्वत ने बताया कि आवंटन हेतु रिक्त विद्यालयों की सूची में नगर निगम क्षेत्र में शामिल विद्यालय भी खोल दिये गए हैं। वहीं, अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों को भी आवंटन हेतु प्रदर्शित किया गया है। जबकि पूर्व में अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में शिक्षक चयन के लिये लिखित परीक्षा करवाई गई थी और उत्तीर्ण शिक्षक आज भी पदस्थापना के लिये बाट जोह रहे हैं। इन विद्यालयों में नवचयनित शिक्षकों को नियुक्त कर इन उत्तीर्ण शिक्षकों के साथ अन्याय किया जा रहा है। जिलाध्यक्ष अतुल सारस्वत व महामंत्री ठा. लक्ष्मीनारायण ने कहा कि शिक्षक-छात्र अनुपात को ताक पर रखकर विद्यालय खोल दिये गए हैं। एकल व अधिक संख्या वाले स्कूल छुपा लिये गए हैं तो दूसरी तरफ पर्याप्त शिक्षक वाले विद्यालय का नाम भी सूची में शामिल कर लिया गया है। भविष्य में यदि समायोजन होता है तो वरिष्ठ शिक्षकों को वहाँ से हटाना पड़ेगा जो पूर्व से कार्यरत शिक्षक संघ के साथ अन्याय होगा। कोषाध्यक्ष मनोज शर्मा ने अधिकारियों से सूची की खामियों को दूर करने की मांग की।

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